परिवहन लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के लिए 30 तरह के डॉक्यूमेंट हो सकते हैं मान्य, केंद्रीय मंत्रालय ने राज्यों से मांगे सुझाव

भोपाल। देश में ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के लिए परिवहन विभाग आने वाले समय में 30 तरह के डॉक्यूमेंट्स को स्वीकार कर सकता है। परिवहन विभाग ने खुद इसका मसौदा तैयार किया है। इसमें कई तरह के डॉक्यूमेंट्स को शामिल करते हुए सभी राज्यों के साथ ही संबंधित मंत्रालयों से इस पर सुझाव मांगे हैं। अभी रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस के लिए सिर्फ आधार कार्ड, वोटर कार्ड और पासपोर्ट को ही वैध दस्तावेज माना जाता है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा कल ही जारी किए गए एक पत्र में कहा गया है कि चूंकि ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन कई स्थानों पर नाम, पहचान, आयु और पते के प्रमाण के रुप में स्वीकार किए जाते हैं, लेकिन इन्हें बनाते वक्त सीमित दस्तावेजों को ही प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जाता है। इसलिए इसका दायरा बढ़ा करना चाहिए, जिससे आवेदकों को भी वाहनों का रजिस्ट्रेशन करवाने से लेकर लाइसेंस बनवाने तक में आसानी हो सके। मंत्रालय द्वारा 30 ऐसे दस्तावेजों की सूची जारी की गई है, जिन्हें रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस बनवाते वक्त नाम, पहचान, आयु और पते के रूप में स्वीकार किया जा सकता है।
इन दस्तावेजों को मिल सकती है मान्यता
मंत्रालय द्वारा जारी किए गए पत्र में आधार कार्ड, वोटर कार्ड, जीवन बीमा पॉलिसी, पासपोर्ट, राज्य व केंद्र शासन के कर्मचारियों का सर्विस सर्टिफिकेट, स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट, जन्म प्रमाण पत्र, पेनकार्ड, राशन कार्ड, राज्य या केंद्र शासन का सर्विस फोटोग्राफ आईडी कार्ड, किसान फोटोग्राफ पासबुक, डिसेबिलिटी आईडी कार्ड, मनरेगा कार्ड, मैरिज सर्टिफिकेट, 10वीं की मार्कशीट, बैंक पासबुक, ट्रांसजेंडर आईडी कार्ड, वीजा, बिजली-पानी का बिल, संपत्ति कर की रसीद जैसे कुल 30 दस्तावेजों को शामिल किया गया है।
10 मई तक मांगे सुझाव
पत्र में विदेश मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, कृषि मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, पर्सनल ट्रेनिंग विभाग के सचिव, सीईओ यूनिक आईडी अथॉरिटी सहित सभी राज्यों के मुख्य सचिव से इस संबंध में 10 मई तक सुझाव मांगे गए हैं। इसके आधार पर मंत्रालय इस व्यवस्था को लेकर योजना तैयार करेगा। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि अब रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस से जुड़े सभी कामों के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया है और उसके बिना कोई काम नहीं होता है। ऐसे में दूसरे डॉक्यूमेंट्स को मान्यता देने से मौजूदा सिस्टम में दिक्कत आ सकती है।