समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए पत्रकार का जागरूक होना आवश्यक: बीके सुशांत

 

ग्वालियर। सकारात्मक पत्रिकारिता न सिर्फ समाज में परिवर्तन लाती है, बल्कि हमारे जीवन में भी सुखद अनुभूति का अहसास कराती है। इसलिए पत्रकारों को अपने कर्तव्य का पालन करते हुए अपनी पत्रकारिता की दिशा सकारात्मक रखनी होगी, तभी वह पत्रकारिता का धर्म निभा पाएंगे। यह विचार मंगलवार को ब्रह्माकुमारी की मीडिया विंग द्वारा आयोजित कार्यशाला में सकारात्मक परिवर्तन के लिए जागरुक मीडिया विषय पर बोलते हुए हैदरावाद से पधारीं संस्था की राष्ट्रीय संयोजिका बीके सरला दीदी ने व्यक्त किए।

 

कार्यकम को माउंट आबू मुख्यालय ब्रह्माकुमारीज के वक्ताओं के साथ शहर के वरिष्ठ पत्रकारों ने भी संबोधित किया| माउंट आबू से आए शांतनु भाई ने कहा कि डिवाइन मीडिया के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाए जा सकते हैं। इससे हम खुद के साथ समाज को भी बदल सकते हैं। मूल्यनिष्ठ पत्रकारिता समय की मांग है। पत्रकार नितिन त्रिपाठी ने कहा कि हमें पत्रकारिता में बस यह ध्यान रखना चाहिए कि किसी की व्यक्तिगत भावनाओं को ठेस न पहुंचे। पत्रकार जब निस्वार्थ भाव से काम करता है तो सकारात्मकता आती है। कोरोनाकाल में अपनी जान पर खेलकर जिस तरह पत्रकारों ने सही सूचनाओं का संप्रेषण किया, वो समाज के लिए अनुकरणीय है।

संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी बीके सुशांत ने कहा कि पत्रकारिता का धर्म और मर्म सकारात्मक होना चाहिए। निगेटिव में भी पॉजिटिव देने की स्किल सिर्फ पत्रकारों में है। पत्रकार प्रोफेशन के साथ मिशन और विजन को लेकर काम करें। ग्रामीण इलाकों में काम करने वाले पत्रकार बिना वेतन के अधिक जोखिम लेकर काम करते हैं। पत्रकारिता के साथ हर आयाम को आध्यात्मिकता से जोड़ने की जरूरत है। जहा धर्म हैं वहां कृष्ण है और जहां कृष्ण है वहां जय है। उम्र का कोई भी पड़ाव आपके जीवन का टर्निंग पॉइंट हो सकता है, इसलिए सकारात्मकता बनाए रखें। सकारात्मकता ही समाधान परख मीडिया का आधार है |

वरिष्ठ पत्रकार अतुल तारे ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्थान पत्रकारों की बैटरी चार्ज करने का काम कर रही है, जिससे उनके जीवन में तनाव कम होता है।
अहमदाबाद से आई बीके सारिका ने कहा कि मन को यदि जीत लें तो समझो जगत को जीत लिया।
आईटीएम के मीडिया विभाग के प्रमुख ने कहा कि सोशल मीडिया पर जो फेक कंटेन्ट आते है उनसे सबको बचना चाहिए और उपयोग करने से पहले उनकी सत्यता का पता लगाना चाहिए| पत्रकार को सत्यता और तथ्यों के साथ सवाल करने चाहिए तो इसका प्रभाव पढता है।
आदर्श दीदी ने सभी पत्रकारों को ग्वालियर सेंटर के साथ माउंट आबू आने का निमंत्रण दिया| और जीवन में थोडा समय स्वयं के लिए निकालने और राजयोग ध्यान का अभ्यास करने पर जोर दिया | जिससे जीवन सुखमय बन सकता है |

कार्यक्रम में बीके ज्योति ने मैडिटेशन कराया तथा बीके वैशाली ने शुभकामनायें रखी | कार्यक्रम का संचालन डॉ गुरूचरण सिंह एवं आभार प्रदर्शन प्रहलाद भाई ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पत्रकार और पत्रकारिता के छात्र समेत आई. टी. एम. विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के डॉ मनीष जैसल भी शामिल थे ।