डीएनए रिपोर्ट के आधार पर शिशुओं की खरीद फरोख्‍त करने वाले पलाश अस्‍पताल के संचालकों को 10 वर्ष का कठोर कारावास

 

 

एवं बच्‍चा खरीदने वाली महिला को 3 वर्ष तक का कठोर कारावास

सत्र न्‍यायाधीश अशोक शर्मा ने सुनाया निर्णय

ग्‍वालियर। मुरार स्थि‍त पलाश हॉस्‍पीटल के संचालक टी के गुप्‍ता और सह प्रवंधक अरूण भदौरिया द्वारा अस्‍पताल की आड़ में चलाये जा रहे नवजात शिशुओं की खरीद फरोख्‍त और नियम विरूद्ध बच्‍चा खरीदकर अपने पास रखने के गंभीर मामले में न्‍यायालय द्वारा निर्णय सुना दिया गया है। इस महत्‍वपूर्ण प्रकरण में ग्‍वालियर न्‍यायालय के सत्र न्‍यायाधीश अशोक शर्मा के द्वारा अभियुक्‍तगण अरूण भदौरिया एवं तापोश गुप्‍ता (टीके गुप्‍ता) को धारा 370 भादवि में 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 10-10 हजार रूपये का जुर्माना तथा धारा 75,80,81 किशोर न्‍याय अधिनियम 2015 मे 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं धारा 81 में 1-1 लाख रूपये का जुर्माने की सजा सुनाई एवं आरोपी रौनक मखानी को धारा 80,81 किशोर न्‍याय अधिनियम 2015 की धारा का दोषी पाते हुये 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1 लाख रूपये के अर्थदण्‍ड की सजा सुनाई।

इस गंभीर मामले के घटनाक्रम के संबंध में शासन की पैरवी कर रहे जिला अभियोजन अधिकारी प्रवीण दीक्षित एवं सहायक जिला अभियोजन अधिकारी संतोष शर्मा ने बताया कि आज से लगभग 5 साल पहले को पुलिस थाना मुरार को सूचना मिली थी कि मुरार के पलाश अस्‍पताल में दो नवजात शिशु खरीदफरोख्‍त के लिये अस्‍पताल के सह प्रवंधक अरूण भदौरिया ने रखे हुये है। सूचना की तस्‍दीक के लिए पुलिस बल जब पलाश अस्‍पताल पहुचा तो वहां चिल्‍ड्रन वार्ड में दो नवजात शिशु जिनमें एक लडका एवं लडकी थे वो भर्ती मिले लेकिन उनके साथ उनके मॉ-वाप नही थे। जब पुलिस टीम ने उन बच्‍चों  के रिकॉर्ड के संबंध में अस्‍पताल प्रवंधन से जानकारी मांगी तो वो टालमटोल करने लगे और कोई रिकॉर्ड नही दे पाये, पुलिस को मामला संदिग्‍ध समझ आने पर अरूण भदौरिया को थाने लाया गया और उससे पूछताछ की गई।

अरूण भदौरिया ने पूछताछ में सनसनीखेज खुलासा किया और बताया कि अस्‍पताल में भर्ती इन दो वच्‍चों को बेचने की तैयारी थी और इससे पहले भी लखनऊ के अनुपम कुमार चौहान को एक नवजात शिशु 45 हज़ार रूपये में और डबरा की रिंकी को एक नवजात शिशु 70 हज़ार रूपये में बेचा जा चुका है। आरोपी अरूण ने पूछताछ मे यह भी बताया कि पलाश अस्‍पताल मेरे और टी.के. गुप्‍ता के द्वारा चलाया जाता है। उसने यह भी बताया कि बच्‍चो की खरीदफरोख्‍त के मामले मे टीके गुप्‍ता भी मेरे साथ शामिल रहा है और उसने एक बच्‍ची को अपने पास रख लिया है।

अरूण ने पुलिस को यह भी बताया था कि अवैध तरीके से इन बच्‍चो को इसलिये बेचा जाता था ताकि बड़े होने पर इनसे घरेलू काम कराया जाये। पुलिस ने मामला गंभीर जान पडने पर धारा 370,372,373 भादवि के तहत आरोपीगण के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर ली और पलाश अस्‍पताल के संचालक अरूण भदौरिया एवं टीके गुप्‍ता को गिरफ्तार कर लिया।

जॉच मे पुलिस को पता चला कि अनुपम कुमार चौहान लखनऊ नाम का कोई व्‍यक्ति नही मिल रहा है, और रिन्‍की ने कोई बच्‍चा नही खरीदा वल्कि डबरा निवासी रौनक मखानी ने पलाश हॉस्‍पीटल से एक बच्‍चा खरीदा था, तब रौनक मखानी को मामले में आरोपी बनाया गया ।

अदालत में जब गवाही शुरू हुई तो डीएनए के माध्‍यम से ये पता लगा रौनक मखानी के यहां जो वच्‍चा था वो पूनम बाल्‍मीकि का और टीके गुप्‍ता के यहां का बच्‍चा सोनम कुशवाह का था।

उक्‍त पूनम और सोनम दोनो प्रकरण की महत्‍वपूर्ण साक्षी थी किन्‍तु दोनो मामलें में पलट गई और उन्‍होने उक्‍त बच्‍चे अपने होने से इंकार कर दिया।

इस मामले में मुख्‍य साक्षियो के पलट जाने के बाद भी अभियोजन के द्वारा डीएनए रिपोर्ट एवं अन्‍य परिस्थितिजन्‍य साक्ष्‍य से यह साबित किया गया कि अरूण भदौरिया बच्‍चो की खरीदफरोख्‍त में शामिल था और पलाश अस्‍पताल का संचालक टी के गुप्‍ता के साथ मिलकर नवजात शिशुओ का क्रय विक्रय कर रहा था। साथ ही टीके गुप्‍ता और रौनक मखानी के यहां जो बच्‍चे मिले थे वो उनके ना होकर नियम विरूद्ध खरीदफरोख्‍त करते हुये अपने पास रखे गये थे।

विद्वान न्‍यायाधीश ने पैरवीकर्ता डीपीओ प्रवीण दीक्षित एवं एडीपीओ संतोष शर्मा एवं एडीपीओ अमोल सिंह तोमर के तर्को से प्रभावित होकर यह पाया कि आरोपीगण द्वारा बच्‍चों की खरीदफरोख्‍त तो की ही जा रही थी साथ ही किशोर न्‍याय अधिनियम के प्रावधानों का उल्‍लंघन करते हुये बिना दत्‍तक प्रकिया के पालन के बच्‍चे भी गोद लिये गये है। न्‍यायालय ने निर्णय सुनाते हुये अभियुक्‍तगण अरूण भदौरिया एवं तापोश गुप्‍ता (टीके गुप्‍ता) को धारा 370 भादवि में 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 10-10 हजार रूपये का जुर्माना तथा धारा 75,80,81 किशोर न्‍याय अधिनियम 2015 मे 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं धारा 81 में 1-1 लाख रूपये का जुर्माने की सजा सुनाई एवं आरोपी रौनक मखानी को धारा 80,81 किशोर न्‍याय अधिनियम 2015 की धारा का दोषी पाते हुये 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1 लाख रूपये के अर्थदण्‍ड की सजा सुनाई।

 

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