ग्वालियर: पीड़िता- परिजन पक्षद्रोही होने के बाद भी ठोस साक्ष्य के आधार पर नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष की जेल

ग्वालियर। विशेष न्यायाधीश, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 ने एक आरोपी को 20 साल की कठोर सजा और दस हज़ार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है।घटना के संबंध में जानकारी देते हुए प्रकरण की पैरवी करने वाले सहायक जिला अभियोजन अधिकारी आशीष कुमार राठौर एवं नैन्सी गोयल ने बताया कि 2 अक्टूबर 21 को रात्रि में  अभियोक्त्री, आयु लगभग 13 वर्ष अपने घर के बाहर पेशाब करने गई थी तभी वहां अभियुक्त भूरा उर्फ रिंकू पुत्र कल्याण सिंह गुर्जर, आयु-20 वर्ष, निवासी-नयागांव, भंवरपुरा आया और अभियोक्त्री का मुंह बंद कर उसे खींचकर थोड़ी दूर बनी टपरी में ले गया और अभियोक्त्री के साथ मारपीट कर उसे जमीन पर लेटाकर, उसके कपड़े उतारकर उसके साथ जबरदस्ती गलत काम किया। अभियोक्त्री से कहा कि उसने यह बात किसी को बताई तो वह उसे जाने से खत्म कर देगा। अभियोक्त्री ने उक्त बात अपने माता-पिता को बताई तथा थाना भंवरपुरा में  आवेदन पत्र प्रस्तुत कर उक्त घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कर प्रकरण अनुसंधान में लिया गया।

संपूर्ण अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायलाय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में उल्लेखनीय तथ्य यह है कि प्रकरण की अभियोक्त्री एवं उसके परिजन तथा संपूर्ण साक्षियों के पक्षद्रोही हो जाने के उपरांत भी अभियोजन द्वारा प्रस्तुत तकनीकि साक्ष्य के आधार पर माननीय न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर संपूर्ण विचारण उपरांत आरोपी को धारा- 376, धारा-3 सहपठित धारा 4(2) पाक्सो अधिनियम 2012 के अधीन 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 10 हजार रुपए का अर्थदण्ड के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।