मप्र: शहरी उपभोक्ताओं की जेब पर हमला; सीवरेज और पानी का बढ़ेगा टैक्स, नई व्यवस्था जनवरी से लागू करने की तैयारी !

भोपाल। मध्य प्रदेश के नगरीय उपभोक्ताओं के ऊपर नए साल से सीवरेज टैक्स और पानी का बढ़ा हुआ बिल देना अनिवार्य किया जा रहा है। सरकार अभीष्ट और निस्तारण में प्रतिवर्ष खर्च होने वाली राशि का आकलन भी कर रही है। इस राशि को भी शहरी उपभोक्ताओं से वसूल किया जाएगा।
टैक्स वसूल करने के लिए हर नगर निगम नगरीय निकाय में एक समिति बनाई जाएगी। जो खर्च के हिसाब से नई दरें तय करेंगी।
सीवरेज ट्रीटमेंटपानी के वितरण पर होने वाला खर्च तथा अपशिष्ट निस्तारण में होने वाले खर्च को उपभोक्ताओं से वसूल किया जाएगा। नई व्यवस्था नई साल से लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है।
दर एवं सरचार्ज के लिए नगर निगम नगर पालिका तथा नगर पंचायत में समितियां बनाई जायेंगी। इस समिति के अध्यक्ष नगरीय प्रशासन आयुक्त तथा पालिकाओं के लिए संभागीय आयुक्त इसके अध्यक्ष होंगे।
नगरीय निकाय क़े ऊपर 100 फ़ीसदी टैक्स वसूली की जिम्मेदारी तय की जाएगी। खर्च के अनुसार राशि की वसूली नहीं होने पर शेष राशि नगरीय निकायों को अपने निजी आय से खर्च करने का नियम बनाया जाएगा। जिन नगरीय निकायों में कम टैक्स वसूल होगा। सरकार उन नगरीय निकायों की अनुदान राशि में कटौती करेगी। पूरी टैक्स वसूली नहीं होने पर संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
सरकार की मंशा हैकि उपभोक्ता प्रभार बढ़ाते समय 15 फ़ीसदी से ज्यादा प्रभाव ना पड़े। इसका ध्यान रखा जाएगा। जो नए टैक्स लागू किए जाएंगे। उसके लिए बाकायदा समिति होने वाले खर्च के अनुसार टैक्स की राशि तय करेगी। नए नियमों के तहत अब टैक्स प्लाट और आवास के कार्पेट एरिया के आधार पर तय किया जाएगा।