प्रचार-प्रसार के अभाव में दम तोड़ रहा है अटल जी का ‘सपना’ ; लाइब्रेरी से पत्रिकाएँ ‘ग़ायब’ और फ़्री कंप्यूटर कोर्स से युवाओं का परहेज

 

राजेश शुक्ला, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई का कमल सिंह के बाग में निवास है। अटल जी ने अपने पैतृक निवास के हिस्से में बच्चों के लिए निशुल्क कंप्यूटर एजुकेशन और लाइब्रेरी की स्थापना अपने जीवित रहते कराई थी। इस कंप्यूटर एजुकेशन कोर्स की धूम पूरे शहर में थी ।छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में फ्री कंप्यूटर कोर्स करने यहां आते थे ।हजारों लोगों ने यहां से फ्री में बेसिक कंप्यूटर नॉलेज का कोर्स कर नौकरियां प्राप्त की।

कमल सिंह का बाग़ स्थित अटल जी की लाइब्रेरी का मुख्य द्वार।

दरअसल इस फ्री कंप्यूटर एजुकेशन जोकि भारतीय विद्या भवन के अंतर्गत संचालित है का बुरा हाल है। कृष्ण बिहारी न्यास के अंतर्गत बच्चों के लिए एक प्लेहाउस और युवाओं के लिए लाइब्रेरी जिसमें कई अखबारों मैगजीन आती थी। सुबह से ही यहां पर प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राएं और कमल सिंह के बाग निवासी लोगों की भीड़ लगी रहती थी। 1998 में इस लाइब्रेरी और कंप्यूटर एजुकेशन सेंटर का उद्घाटन हुआ था। यद्यपि प्रचार-प्रसार के अभाव और देखरेख में लाइब्रेरी और कंप्यूटर इंस्टिट्यूट अपना दम तोड़ते  प्रतीत हो रही हैं। लाइब्रेरी में ना तो अब पत्रिकाएँ देखी जा रहा है और ना ही बच्चों के लिए किसी भी प्रकार की सुविधाएं। सुबह के समय मात्र कुछ अखबार ही यहां पर आते हैं जो कि रद्दी का ढेर बन जाते हैं।

बता दें कि कंप्यूटर कोर्स करने के लिए 4 साल पहले तक बड़ी संख्या में बच्चे आते थे। सुबह से लेकर शाम तक कई बैच यहां गुलजार रहते थे लेकिन अब सिर्फ 50 बच्चे हैं जो कि कंप्यूटर एजुकेशन का कोर्स कर रहे  हैं। इनके लिए भी किसी प्रकार की सुविधाएं नहीं देखी जा रही हैं ।यहां फ्री कोर्स करने वाली एक छात्र ने बताया कि मैं मुरार से आती हूं लेकिन मुरार के लोगों को ही नहीं मालूम यहां पर फ्री कंप्यूटर कोर्स सिखाया जाता है।

कृष्ण बिहारी वाजपेई ट्रस्ट के पदाधिकारी भी अब अटल जी के इस संस्थान पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि कंप्यूटर इंस्टिट्यूट में अब सिर्फ दो ही फैकल्टी हैं वे मैनेजमेंट का काम भी देख रही हैं। इतना ही नहीं इन फैकल्टी का वेतन भी समय पर नहीं मिल रहा है न्यास के पदाधिकारी ने इन्हें छात्रों की संख्या बढ़ाने का टारगेट दिया है ताकि इनकी सैलरी समय पर दे सकें।

कमल सिंह का बाग निवासी संजय शर्मा ने बताया कि मैंने 15 साल पहले यहां से मुफ्त में कंप्यूटर एजुकेशन कोर्स किया था बकायदा उसका सर्टिफिकेट भी मिला था लेकिन आज मैं देखता हूं तो मुझे हैरानी होती है कि इतना अच्छा संस्थान खाली कैसे हो सकता है। इसी क्षेत्र के रहने वाले नारायण सिंह ने बताया कि हम अखबार पढ़ने आते थे तो हमें वेटिंग का सामना करना पड़ता था लेकिन अब ना तो मैगजीन आ रही है और ना ही सेंटर समय पर खुलता है।

लाइब्रेरी और कंप्यूटर सेंटर का मैनेजमेंट संभाल रहे योगेश मिश्रा ने कहा कि 2 साल लॉकडाउन के कारण बच्चों की संख्या कम हो गई है लेकिन हम आने वाले समय में बहुत जल्द इसका विस्तार करेंगे और प्रचार-प्रसार के माध्यम से अटल जी का सपना पूरा करेंगे।