मप्र के गांवों में भी अब चलेंगी बसें; दिसंबर से लागू होगी ग्रामीण परिवहन सेवा,परिवहन विभाग ने शुरू की तैयारियां

भोपाल। राज्य सरकार अब प्रदेशभर में ग्रामीण परिवहन नीति लागू करने जा रही है। इसको लेकर परिवहन विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। विदिशा जिले से पायलेट प्रोजेक्ट पर शुरू की गई ग्रामीण परिवहन सेवा की सफलता को देखते हुए सरकार ग्रामीण परिवहन नीति को दिसंबर माह में प्रदेशभर में लागू करने की तैयारी कर रही है। नीति लागू करने से पहले सरकार इसमे बदलाव भी करेगी। यह बदलाव ग्रामीण क्षेत्र में परिवहन सेवा दे रहे मोटरयान आपरेटरों को हुए यात्री सीटों के नुकसान की भरपाई को लेकर किया जाएगा। ग्रामीण परिवहन नीति में आपरेटरों को नुकसान की भरपाई दो माह के संचालन के बाद करने की व्यवस्था की जाएगी। अभी यह अवधि छह माह की है।
वर्षा काल में यात्री वाहन विदिशा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में साढ़े चार माह तक नहीं चले। ऐसे में अब नुकसान की भरपाई तो नहीं होगी, लेकिन इससे अनुभव लेकर राज्य सरकार नया प्रविधान करने जा रही है, कि यदि निरंतर दो माह तक भी ग्रामीण क्षेत्र में यात्री वाहन चलाया गया है तो उसे नुकसान की भरपाई की जाएगी। सात माह पहले 26 मई 2022 को विदिशा जिले से ग्रामीण परिवहन नीति का पायलट प्रोजेक्ट प्रारंभ किया गया था। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में निजी क्षेत्र के सहयोग से मोटरयान कर में छूट देते हुए बीस सीटर यात्री वाहन चलाए गए। इसमें शर्त रखी गई थी कि छह माह तक निरंतर संचालन करने पर यात्री वाहन को ग्राम पंचायतों से रिपोर्ट लेकर सीटें खाली रहने पर हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी।

परिवहन विभाग के अपर आयुक्त,प्रवर्तन अरविंद सक्सेना ने बताया कि जल्द ही अन्य ज़िलों में ग्रामीण परिवहन सेवा शुरू हो जाएंगी ताकि लोगों को परेशानी ना हो।