राजस्व अफसरों का कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर-तहसीलदार बनने से मना; नियमित पदोन्नति की माँग, सीएम व विभागीय मंत्री को लिखा पत्र

भोपाल/ ग्वालियर । मध्यप्रदेश में राजस्व अधिकारियों ने अस्थायी प्रमोशन से इनकार कर दिया है। राजस्व अधिकारियों ने फैसला लिया है कि वे कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर या कार्यवाहक तहसीलदार नहीं बनना चाहते। उनकी मांग है कि उन्हें नियमित पदोन्नति दी जाए। इसके साथ ही उन्होंने विकास यात्रा के बाद 3 दिन का सामूहिक अवकाश लेने की बात कही है। इस संबंध में संघ ने सरकार को पत्र भी लिखा है। मप्र राजस्व अधिकारी संघ ने मुख्यमंत्री, राजस्व एवं परिवहन विभाग मंत्री और प्रमुख सचिव को कार्यवाहक पदोन्नति और प्रभार ना लेने के लिए पत्र लिखा है। जिसमें संघ ने एकमत होकर निर्णय लिया है कि वर्तमान में राजस्व अधिकारियों को कार्यवाहक और प्रभार के रूप में दीया जाने वाला कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर का प्रभार स्वीकार ना किया जाए।
संघ ने कहा है कि तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार को उक्त प्रस्ताव अस्वीकार है। संघ की एक सूत्रीय मांग है कि शीघ्रता से केवल और केवल नियमित पदोन्नति दिया जाए। संघ ने फैसला लिया है कि विकास यात्रा के बाद प्रथम चरण में तीन दिवस में सामूहिक अवकाश पर रहेगा। साथ ही संघ ने कहा है कि नियमित पदोन्नति ना हुई तो संघ क्रमिक रूप से आगे कदम उठाने पर बाध्य होगा। बता दें कि राज्य सरकार करीब 200 सीनियर तहसीलदारों को कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर बनाने की तैयारी कर रही है। जिसमें 173 नायब तहसीलदारों को तहसीलदार का प्रभार दिए जाने की तैयारी चल रही है।