सुप्रीम कोर्ट ने कहा, महत्वपूर्ण मामलों से ध्यान खींच रही हैं जनहित याचिकाएं 

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि जनहित याचिका अन्य महत्वपूर्ण मामलों से ध्यान खींच रही हैं। कर्नाटक में करवार बंदरगाह के विस्तार से संबंधित एक मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी की। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ से आग्रह किया गया था कि बंदरगाह के विस्तार को चुनौती देने वाली एक अपील को पिछले साल नवंबर में क्रमांकित किया गया था, लेकिन सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया है।

अदालत ने कहा, यह करवार बंदरगाह के विस्तार को चुनौती देने वाला ताजा एसएलपी है। हमारे अनुसार कोई पर्यावरण मंजूरी नहीं ली गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने कहा कि एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) को नवंबर में क्रमांकित किया गया था। पीठ ने आश्वासन दिया कि वह याचिका को सूचीबद्ध करने के अनुरोध पर गौर करेगी। वरिष्ठ वकील ने याचिका को जल्द से जल्द सूचीबद्ध करने की मांग करते हुए कहा कि अगर निर्माण शुरू होता है तो याचिका में कुछ भी नहीं बचेगा।

चीफ जस्टिस ने कहा कि यह जनहित याचिका अन्य महत्वपूर्ण मामलों से ध्यान हटा रही है। कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में स्थित करवार राज्य का एकमात्र ऑल वेदर नेचुरल पोर्ट है जिसकी विस्तार योजना सागरमाला परियोजना के तहत तैयार की गई है।