71 साल के बुजुर्ग ने बिना अस्पताल में भर्ती हुए कोरोना को दी मात

25 साल में हो चुके हैं 6 ऑपरेशन
राजेश शुक्ला, ग्वालियर। यह हंसता हुआ चेहरा आपको एक ही बात की सीख देता है कि कितने भी कष्ट आएं, हमें ईश्वर पर विश्वास और सकारात्मकता को अपनाना चाहिए। कोरोना से संक्रमित मरीजों के लिए यह एक सीख है। उन्हें हताश होने की कतई आवश्यकता नहीं है। वे आशावादी रहकर इस जानलेवा महामारी पर फतह पा सकते हैं। ग्वालियर जिले में कोरोना संक्रमण का फैलाव जानलेवा साबित हो रहा है। सबसे ज्यादा प्रभाव बुजुर्गों में देखने को मिल रहा है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर लहर के कारण 20 साल से लेकर 45 साल तक के लोग भी चपेट में आ रहे हैं। ग्वालियर में अब तक कई सैकड़ा मौतें दूसरी लहर से हो चुकी है। लेकिन कई उदाहरण ऐसे हैं जिसमें कोरोना संक्रमित मरीजों ने अपनी इच्छा शक्ति के बल पर कोरोना को हराया है। ऐसा ही एक प्रकरण 71 साल के बिजनेसमैन निवासी हरिशंकरपुरम घनश्याम दास आहुजा का है। वे बीमार होने पर अस्पताल गए तो कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए। परिवारजनों को चिंता हुई, लेकिन उनकी जीवटता और मजबूत इच्छाशक्ति के बूते उन्होंने कहा कि मैं…अस्पताल में भर्ती नहीं होना चाहता। घर पर ही उन्हें आईसोलेट किया गया। ऑक्सीजन की भी व्यवस्था की गई। इस दौरान उनकी सबसे बड़ी शक्ति थी सेंस ऑफ ह्यूमर और सकारात्मक व्यवहार। उनके ठीक होने का सबसे बड़ा कारण भी यही रहा।
6 बार ऑपरेशन हो चुके थे, परिजन हुए चिंतित
जब श्री आहुजा की रिपोर्ट पॉजिटिव निकली तो सभी घरवाले चिंतित हो गए। उनके पुत्र भागवत ने घर पर ही उन्हें आईसोलेट करने का निर्णय लिया। वह जानते थे कि अस्पताल में भर्ती कराया तो उनकी हालात बिगड़ भी सकती है। बायलाइन24.कॉम से चर्चा में उन्होंने कहा कि मेरा पिछले 25 साल में पांच बार हार्निया का ऑपरेशन, एक बार बायपास सर्जरी और एक सिर का ऑपरेशन भी हो चुका है।
सफल बिजनेसमेन हैं आहुजा
यहां बताना आवश्यक है कि श्री आहुजा स्टेशनरी के कारोबार में कई दशकों से हैं। फैक्ट्री भी संचालित करते हैं। इस उम्र के इस पड़ाव में भी सक्रिय रहते हैं। उनके परम मित्र और इतिहासकार माताप्रसाद शुक्ला बताते हैं कि घनश्याम दासजी एक ऐसे जीव हैं जो बातों-बातों में गंभीर बात को हास्य में बोल देते हैं। शायद यही कारण है कि वे कोरोना महामारी के चंगुल से बचकर बाहर आए गए।

17 Replies to “71 साल के बुजुर्ग ने बिना अस्पताल में भर्ती हुए कोरोना को दी मात”

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