मध्य प्रदेश के पटवारी हड़ताल पर, तहसीलों में बस्ते जमा कराए; नामांकन, कब्जा और ढेर सारे काम

भोपाल/ ग्वालियर तीन दिन के सामूहिक अवकाश और भोपाल के अटल पथ पर प्रदर्शन के बाद सोमवार से मध्यप्रदेश में 19 हजार पटवारी हड़ताल पर चले गए हैं। सुबह 11 बजे के बाद उन्होंने तहसीलों में बस्ते जमा करा दिए। हड़ताल से जनता से जुड़े कई काम अटकेंगे। खासकर पटवारियों द्वारा किए जाने वाले नामांतरण और जाति प्रमाण पत्र जैसे 7 महत्वपूर्ण कार्य नहीं हो सकेंगे।
मध्यप्रदेश पटवारी संघ के अध्यक्ष उपेंद्र सिंह ने बताया, प्रदेशभर के पटवारी तहसील ऑफिस में अपने बस्ते जमा करवा रहे हैं। इसके बाद कलम बंद हड़ताल शुरू हो गई है। भोपाल जिलाध्यक्ष संदीप शर्मा ने बताया कि जिले के सभी पटवारी अपने बस्ते जमा करा रहे हैं। करीब 25 साल से ग्रेड-पे और प्रमोशन की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक सरकार ने ध्यान तक नहीं दिया।
जिलों में वैकल्पिक व्यवस्था, लेकिन असर पड़ेगा
भोपाल समेत प्रदेश के जिलों में कलेक्टरों ने पटवारियों के हड़ताल पर जाने से काम प्रभावित न हो, इसकी वैकल्पिक व्यवस्था की है। राजस्व निरीक्षक यानी आरआई को पटवारियों का काम सौंपा गया है। बावजूद काम पर असर पड़ेगा, क्योंकि राजस्व निरीक्षकों के पास पहले से कई काम है।
यह काम प्रभावित
नामांतरण, ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, निर्वाचन के कार्य, फसल गिरदावरी, पीएम-सीएम पेमेंट और पुलिस के साथ घटना स्थल पर पंचनामा बनाना।
23 से 25 अगस्त तक अवकाश पर रहे
मध्यप्रदेश के पटवारी चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं। पहले चरण में 21 अगस्त से सभी सरकारी ग्रुप से लेफ्ट हो गए थे और ऑनलाइन काम का बहिष्कार किया था। दूसरे चरण में 23 से 25 अगस्त तक 3 दिन तक सामूहिक अवकाश पर रहे। 26 अगस्त को भोपाल में तिरंगा यात्रा निकाली गई। इसके बाद 28 अगस्त से वे सामूहिक हड़ताल पर चले गए।