ग्वालियर-चम्बल में भाजपा की हालत ख़राब; आज चुनाव हुए तो कांग्रेस की जीत, टाइम्स नाऊ-नवभारत के सर्वे में सामने आया

 

राजेश शुक्ला, ग्वालियर। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की हालात बेहद खराब है। मध्य प्रदेश में भाजपा को सत्ता के केंद्र की कुंजी ग्वालियर-चंबल में दिखाई दे रही है। सत्ता प्राप्त करने के लिए भाजपा केंद्र सरकार का समूचा मंत्रिमंडल और स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्वालियर-चंबल के कई बार दौरे भी कर रहे हैं। यद्यपि चुनावी सर्वे का अध्ययन करें तो मध्य प्रदेश में आज चुनाव कराए जाएं तो भाजपा को कांग्रेस अच्छी खासी पटकनी दे सकती है। यह हम नहीं टाइम्स नाउ और नवभारत के ताजा सर्वे में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।

सर्वे में बताया गया है कि मध्य प्रदेश में कुल 230 सीटों में से बीजेपी को 102 से लेकर 110 सीट मिलती दिखाई दे रही है वहीं कांग्रेस पार्टी को 118 से लेकर 128 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है। 20 सितंबर के सर्वे में वोटिंग का प्रतिशत पर गौर करें तो भारतीय जनता पार्टी को 42 .80% जबकि कांग्रेस को 13.40% मत मिलने का अनुमान है। हालांकि यह सिर्फ़ सर्वे हैं और चुनाव तक यहाँ अपने आंकड़े पेश करते रहेंगे।

क्या वाकई में मध्य प्रदेश में फिर से भाजपा की सत्ता रहेगी ? इसके बारे में ग्वालियर के एक राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि भाजपा पार्टी में अब कईं ख़ामियाँ देखी जा रही है।  सबसे ज्यादा खराब स्थिति भाजपा की ग्वालियर-चंबल में बताई जा रही है। सर्वे के अनुसार ग्वालियर चंबल संभाग में 34 सीटों में से भाजपा को चार से आठ सीट और कांग्रेस को 26 से 30 सीट मिलने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है ।इसमें अन्य क्षेत्रीय पार्टियों को कोई भी सीट नहीं मिलेगी ऐसा सर्वे में सामने आया है।

भाजपा ने मध्य प्रदेश में केंद्रीय मंत्री और सांसदों को विधानसभा चुनाव अपना उम्मीदवार घोषित किया है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को मुरैना की दिमनी विधानसभा से चुनाव लड़ना है , लेकिन केंद्रीय मंत्री का विरोध लोग कर रहे हैं । मुरैना क्षेत्र के लोगों का कहना है कि केंद्रीय मंत्री तोमर ने अपनी लोकसभा सीट यानी मुरैना के लिए ऐसा कोई भी विकास कर नहीं किया है जिसके कारण हम उन्हें वोट दें ।बताया जा रहा है कि ग्रामीण क्षेत्र के कई समाज के लोग भी तोमर का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। यह वह लोग हैं जिनके व्यक्तिगत काम भी केंद्रीय मंत्री तोमर द्वारा नहीं हो सके हैं।

बता दें कि मुरैना की सभी विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है और तोमर को भाजपा ने अपने विधानसभा के साथ सभी 6 सीटों पर चुनाव जीतने के लिए चुनावी रण में उतारा है। मुरैना के एक राजनीतिक जानकार बताते हैं कि भले ही दिमनी विधानसभा सीट से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जीत जाएं लेकिन बाकी सीटों पर उनका कोई प्रभाव नहीं है ।इसका कारण पूछने पर वह बताते हैं कि जिस प्रकार से भारतीय जनता पार्टी चुनाव जीतने के लिए हाल ही के दो माह में सक्रिय हुई है यह भी लोगों को खटक रहा है ।उनका यह कहना है कि भाजपा सिर्फ घोषणाएं करती है और जब चुनाव आते हैं इस दौरान लोगों को मनाने आती है और वोट लेने और जीत के बाद फिर 5 साल के लिए गायब हो जाती है।

Byline24.com के प्रधान संपादक से चर्चा में मुरैना, अम्बाह के लोगों ने बताया कि ग्वालियर चंबल की जनता ने पूरी तरह से अब मूड बना लिया है। इसका पूरा फायदा कांग्रेस पार्टी को मिलेगा ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है। यह पूछने पर की लाडली बहना योजना और अन्य योजनाओं का चुनाव पर क्या प्रभाव पड़ेगा तो लोगों की प्रतिक्रियाएँ थी कि चुनाव के कुछ माह पहले ही इन योजनाओं की घोषणा करना एक प्रकार से भारतीय जनता पार्टी की मंशा को स्पष्ट रूप से बताता है कि वह चुनाव जीतने के लिए यह सब प्रपंच कर रहे हैं। इसका थोड़ा बहुत फायदा उनको मिल सकता है,लेकिन कांग्रेस पार्टी अपनी जीत की उम्मीद से भरपूर है।

मुरैना के फूल सिंह सिकरवार (उम्र 70) चर्चा के दौरान बताते हैं कि भारतीय जनता पार्टी की कथनी और करनी में बहुत फर्क है जो वायदें नरेंद्र मोदी ने 2013 में किए थे वह वादे पूरे नहीं किए हैं ।मुद्दों से भटकने में भाजपा का कोई सानी नहीं है ग्रामीण क्षेत्र के लोग ऐसी चीजों को अपने दिल और दिमाग से जोड़कर देखते हैं और यही चीज चुनाव के दौरान विरोध के रूप में उभर कर सामने आती है।