ग्वालियर/श्योपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक चीता प्रोजेक्ट में वन विभाग के अधिकारियों की गंभीर अनियमिता को लेकर बड़ा खुलासा हुआ…
मध्य प्रदेश के मुरैना में बड़ा हादसा हो गया है. रेलवे का सदियों पुराना पुल गिरने से आधा दर्जन मजदूर गंभीर रुप से घायल हो गए हैं. ये सभी मजदूर पुल पर काम कर रहे थे. फिलहाल घायलों को इलाज के लिए जोरा चिकित्सालय में प्राथमिक चिकित्सा केंद्र लाया गया, जहां से 2 की हालात नाजुक होने पर मुरैना जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है. बता दें कि ये पुल मुरैना के जोरा तहसील के क्षेत्र अंतर्गत सिकरौदा में नदी पर निर्मित था.
7 मजदूर हुए घायल
जौरा के पास नैरोगेज ट्रेन का पुल मंगलवार सुबह ढह गए, जिससे पुल को डिस्मेंटल कर रहे आधा दर्जन से अधिक मजदूर नीचे गिर गए और गंभीर रूप से घायल हो गए. घायलों को इलाज के लिए तुरंत जौरा अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है. दरअसल, इस हादसे में सात मजदूर घायलों हो गए हैं, जिसमें से 2 की हालत नाजुक होने पर डॉक्टर ने मुरैना रेफर कर दिया है. इधर, हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंचकर जांच में जुट गई है.
सिंधिया परिवार ने बनाया गया था ये पुल
बता दें कि ग्वालियर से श्योपुर नैरोगेज ट्रेन के लिए रियासत कालीन समय में सिंधिया परिवार द्वारा ये पुल बनाया गया था, लेकिन वर्तमान समय में नेरोगेज से ब्रॉडगेज रेलवे लाइन का उन्नयन होने से अनुपयोगी हो गया था. वहीं रेल विभाग द्वारा इस पुल को डिसमेंटल का काम किया जा रहा था.