सरकार की किरकिरी कराने वाले अधिवक्ताओं की प्रशासन अकादमी करेगा समीक्षा, तीन चरणों में होगी नियुक्त वकीलों की ट्रेनिंग

भोपाल/ग्वालियर । सरकार की हाईकोर्ट, ट्रिब्यूनल में किरकिरी कराने वाले वकीलों की अब प्रशासन अकादमी समीक्षा करेगा। कई मामले में देखा गया था कि सरकारी वकील बगैर तैयारी के जज के सामने पेश हो जाते है। जिसके चकते प्रशासन विभाग ने अवमानना के मामले और वकीलों की नियुक्ति के संबंध में ट्रेनिंग देने के निर्देश दिए है।
तीन चरणों में सरकार की तरफ से नियुक्त वकीलों की ट्रेनिंग होगी। जवाब आपत्ति सहित कई अन्य मामलों पर सलाहकार प्रशिक्षण देंगे। इसके साथ ही एनजीटी हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सरकार की तरफ से पक्ष रखने वाले वकीलों की 3 दिन तक प्रशासन अकादमी में ट्रेनिंग चलेगी। बीते दिनों कलियासोत नदी के मामले में सरकार की वकीलों ने किरकिरी कराई थी।
बता दें कि, कई मामले में देखा गया है कि सरकारी वकील बगैर तैयारी के जज के सामने पेश हो जाते हैं। उसके कारण कई बार सरकार की किरकिरी हो चुकी है, इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए अब यह फैसला लिया गया है। जिसके चलते अब सरकारी वकीलों की ट्रेनिंग करवाई जाएगी।

ग्वालियर खंडपीठ में कई बरसों से प्रैक्टिस कर रहे व कोई प्रमुख मामलों की पैरवी करने वाले एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने नाम न देने की शर्त पर बताया कि प्रदेश के न्यायालयों में  सरकारी वकीलों की नियुक्तियाँ राजनीतिक स्तर पर अपने समर्थकों को दी जाती है लेकिन यह अधिवक्ता शासन का पक्ष मज़बूत और पुरज़ोर तरीक़े से खंडपीठ में रख नहीं पाते हैं, इस कारण से बड़ी संख्या में न्यायालय में कई प्रकरण पेंडिंग पड़े हुए हैं यह परंपरा पूरी तरह से ग़लत है। सरकारी नियुक्तियों में राजनीतिक हस्तक्षेप की परंपरा बहुत पुरानी है इसे बंद होना चाहिए।