मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रतिदिन राज्य में कम से कम 10 लाख लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य निर्धारित करें। आगामी 17 सितम्बर के पश्चात इसी माह आखिरी सप्ताह में भी प्रथम डोज़ शत-प्रतिशत पात्र लोगों को लगाने की लक्ष्य प्राप्ति के पूरे प्रयास हों। संभव हो तो मतदाता सूची को आधार बनाकर जन-सहयोग प्राप्त कर लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए केन्द्रों तक लाने का कार्य किया जाए, जिससे अभियान से शत-प्रतिशत वैक्सीन का लक्ष्य पूरा हो सकें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वैक्सीनेशन में जिन जिलों की उपलब्धि 70 प्रतिशत से कम है, वहाँ के कलेक्टर्स और जिला क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्यों से चर्चा कर समीक्षा की जाएगी।
बैठक में बताया गया कि मध्यप्रदेश में अब तक 5.49 करोड़ वैक्सीनेशन के पात्र व्यक्तियों में से 4.07 करोड़ को प्रथम डोज़ और 93 लाख व्यक्तियों को दूसरा डोज़ लगाया जा चुका है। जिन जिलों में प्रगति 80 प्रतिशत से अधिक है, उनमें इंदौर, आगर-मालवा, भोपाल, सीहोर, हरदा, शहडोल, रतलाम, उज्जैन, नीमच, शाजापुर, गुना और दतिया शामिल हैं। जो जिले अपेक्षित रफ्तार नहीं पकड़ सके हैं उनमें 56 से 64 प्रतिशत वैक्सीनेशन वाले जिले सतना, श्योपुर, भिण्ड, धार, रीवा, मण्डला, सीधी और खरगौन शामिल हैं।
इसके अलावा बैतूल, अलीराजपुर, बड़वानी, सिंगरौली, शिवपुरी, कटनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट और मुरैना भी 65 से 70 प्रतिशत के मध्य वैक्सीनेशन करा सके हैं।
बताया गया कि प्रदेश में सितम्बर माह में कुल 120 कोरोना के पॉजिटिव प्रकरण सामने आए हैं, जिनमें 65 प्रकरणों में रोगियों द्वारा वैक्सीनेशन नहीं करवाया गया था। इस तरह कुल रोगियों के 54 प्रतिशत रोगी वैक्सीनेशन के न होने एवं अन्य कारण से संक्रमण से प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जबलपुर और इंदौर में आ रहे इक्का-दुक्का प्रकरणों को भी गंभीरता से लेने और आवश्यक उपायों पर ध्यान देने के निर्देश दिए।
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