मप्र के रिटायर्ड आबकारी अफसर ने शराब कंपनी को लगाई सवा करोड़ की चपत,विभाग को देनी थी रकम लेकिन आरोपी ने खुद हड़प ली

भोपाल। शाहपुरा थाना पुलिस ने शराब कंपनी संचालिका की शिकायत पर रिटायर्ड आबकारी विभाग के एक अफसर के खिलाफ फर्जीवाड़ा किये जान का मामला कायम किया है। शराब कंपनी में नौकरी करने वाले रिटायर्ड आबकारी अफसर पर आरोप है की कंपनी को करीब सवा करोड़ से अधिक की रकम आबकारी विभाग के खाते में ट्रांसफर करना थी, लेकिन कर्मचारी ने इसे हड़प लिया। जालसाजी का खुलासा उस समय हुआ जब विभाग ने कंपनी को रिकवरी का नोटिस भेजा। पुलिस ने अदालत के आदेश पर प्रकरण दर्ज किया है।
शाहपुरा थाना पुलिस के अनुसार ई-7 शाहपुरा में वनिशा मिनरल्स प्रायवेट लिमिटेड कंपनी है, जो 2013 से रजिस्टर्ड है। इस कंपनी की संचालिका स्वर्णा श्रीवास्तव पति मनीष श्रीवास्तव (50) शाहपुरा स्थित ए-सेक्टर में रहती हैं। स्वर्णा श्रीवास्तव ने पुलिस को लिखित शिकायत करते हुए बताया की उनकी कंपनी में केशवराम बघेल बतौर मैनेजर की नौकरी करते थे। केशव आबकारी विभाग के पूर्व कर्मचारी थे, उन्हें नियमों की खासी जानकारी थी, इसलिये उन्हें इस नौकरी पर रखा गया था। केशव के पास कंपनी की आय-व्यय के साथ ही सरकारी विभागो को दिये जाने वाले टैक्स आदि के भुगतान की जिम्मेदारी भी थी। इसके लिए कंपनी का एक एकाउंट भी था। स्वर्णा श्रीवास्तव ने अपनी शिकायत में आगे बताया की उनकी कंपनी को विदिशा में शराब का ठेका मिला था। विदिशा की शराब बेचने को लेकर आबकारी विभाग को कर चुकाने का काम केशवराम बघेल देखते थे। बीते दिनो कंपनी को आबकारी विभाग से रिकवरी का नोटिस मिला। कंपनी ने जब अपने स्तर पर पड़ताल की तो सामने आया कि केशवराम बघेल कंपनी के खाते की बजाय अपने निजी खाते में रकम जमा कराते हुए सवा से डेढ़ करोड़ का फर्जीवाड़ा किया है। लिखित शिकायत किये जाने के बाद भी पुलिस की तरफ से 2022 में कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद पीड़िता अदालत पहुंची। कोर्ट ने सुनवाई के बाद पुलिस को प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए। अदालत के आदेश पर शाहपुरा पुलिस ने केशव के खिलाफ जालसाजी, गबन, कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल करने सहित अन्य धाराओ में मामला कायम कर लिया है।