मप्र: निजी कॉलेजों के छात्रों को सरकारी अस्पतालों में इंटर्नशिप करने देना होगा 5 से 20 हजार रुपए तक शुल्क

भोपाल।प्रदेश के निजी कॉलेजों के डेंटी, आयुष और पैरामेडिकल स्टूडेंट्स को अब सरकारी अस्पतालों में इंटर्नशिप के लिए शुल्क लगेगा। यह राशि इंटर्नशिप की अवधि के अनुसार 5 से 20 हजार रुपए तक होगी। अभी बहुत कम शुल्क देकर इंटर्नशिप हो जाती है।स्वास्थ्य विभाग निजी कॉलेजों स्टूडेंट्स के सरकारी चिकित्सालयों में इंटर्नशिप के लिए नवीन निर्देश जारी करने जा रहा है। दरअसल प्रदेश के निजी कॉलेजों में मेडिकल/ पैरामेडिकल कोर्स के प्रशिक्षु छात्र-छात्राओं को क्लीनिक प्रशिक्षण, संस्थागत अधोसरंचना की अपर्याप्तता के कारण उचित मानक एवं गुणवत्ता अनुरूप नहीं होता है। निजी कॉलेजों में स्वयं का अस्पताल नहीं होने से अध्ययनरत स्टूडेंट्स को व्यवहारिक ज्ञान के लिए शासकीय अस्पतालों पर निर्भर रहना पड़ता है।
प्रदेश के निजी कॉलेजों में अध्ययनरत डेंटल चिकित्सक, आयुष चिकित्सक और पैरामेडिकल छात्र-छात्राओं को प्रदेश के सरकारी चिकित्सालयों में क्लीनिक प्रशिक्षण के संबंध में निर्देश जारी करने की तैयारी कर ली है। इसके तहत निजी कॉलेजों में स्वयं का अस्पताल नहीं होने पर डेंटल चिकित्सक, आयुष चिकित्सक अन्य पैरामेडिकल स्टूडेंट्स को प्रशिक्षु को शासकीय चिकित्सालयों में इंटर्नशिप के लिए संस्था के रोगी कल्याण समिति के खातें में राशि जमा कराना होगी। इसमें 3 माह तक की इंटर्नशिप की अवधि के लिए 5 हजार रुपए प्रति प्रशिक्षु 3 से 6 माह तक की प्रशिक्षण अवधि के लिए 10 हजार रुपए की राशि, 6 से 12 माह तक की इंटर्नशिप के लिए 20 हजार रुपए प्रति इंटर्न राशि जमा कराना होगा। सरकारी अस्पताल में क्लीनिक प्रशिक्षण के लिए निजी कॉलेज से एक शिफ्ट सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे और दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक होगी। एक विधा में डेंटल चिकित्सा, आयुष, पैरामेडिकल में 30 से अधिक इंटर्न को अनुमति नहीं दी जाएगी। सरकारी अस्पताल में प्रशिक्षण अवधि के दौरान निजी कॉलेज के स्टूडेंट्स को किसी प्रकार का स्टाईपेन्ड नहीं दिया जाएगा। इंटर्नशिप के दौरान इंटर्न को अस्पताल के सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक अथवा संस्था प्रभारी के निर्देशों का अनुपालन करना अनिवार्य होगा।