MPPSC: मप्र के लाखों परीक्षार्थी परेशान; अब आरपार की लड़ाई के लिए तैयार, हाई कोर्ट से आस

 

भोपाल।  एमपीपीएससी के माध्यम से परीक्षा देने वाले प्रदेशभर के लाखों कैंडिडेट परेशान हैं। चार सालों में कोई भी भर्ती बिना किसी विवाद के पूरी नहीं होने से एमपीपीएससी और व्यापमं की कई भर्तियां अटकी हुई हैं। प्रदेशभर के कई स्टूडेंट ऑनलाइन से लेकर सड़कों तक प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन इन तमाम अभियानों का नतीजा सिफर ही रहा। अब कैंडिडेट्स किससे उम्मीद लगाए ये उनके सामने एक सवाल बनकर खड़ा हो गया है।
पिछली जो भर्तियां अटकी है उसे लेकर कैंडिडेंट्स कई बार अभियान चला चुके हैं। इनमें मुख्य रूप से ट्विटर अभियान, पोस्टर अभियान, नोटा अभियान, लेटर लिखो अभियान सहित अन्य अभियान शामिल हैं। इन सभी अभियानों का नतीजा कुछ नहीं निकला। तमाम कोशिशों के बावजूद आज भी कई कैंडिडेंट मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं।
इन अभियानों का नहीं निकला कोई नतीजा
कैंडिडेट्स ने नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के नेतृत्व में जुलाई माह में ही युवा जागरुकता अभियान चलाया। जिसमें ट्वीट करने के साथ ही कैंडिडेट ने शहर के विभिन्न स्थानों पर एमपीपीएससी 2019 लापता, ओबीसी केस जल्द सुलझाओ, भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़ाओ जैसे पोस्टर भी लगाए। इसके साथ ही ट्वीटर पर अभियान भी चलाया। वोटिंग के पहले चलाए अभियान में कैंडिडेट्स ने अपनी मांगों को लेकर हैश टैग प्त मामा घोषणावीर, भांजे नोटावीर के साथ ट्वीट भी किया था। इसके पहले कैंडिडेट्स ने सीएम के ही लापता होने के पोस्टर प्रदेश के कई शहरों में लगाए थे। 2019 में मप्र में भर्तियों में ओबीसी आरक्षण कोटे के 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया गया था। केस में निर्णय नहीं होने पर प्रदेश भर के कैंडिडेट्स ने लेटर लिखो अभियान चलाया था। इसके पहले भी कैंडिडेट्स एक ट्वीटर अभियान चला चुके हैं।

कई बार लगा चुके हैं आयोग के चक्कर
अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कैंडिडेट्स मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के दफ्तर में भी कई बार चक्कर लगा चुके हैं। इसके साथ ही वे शासन, प्रशासन और यहां तक की राज्य सरकार से भी गुहार लगा चुके हैं। अब कैंडिडेट्स के सामने भी ये सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर अब वे किसके पास गुहार लगाएं। हालांकि कैंडिडेट्स का कहना है कि वे जल्द ही प्रदेशभर में रैली निकालकर विरोध जताएंगे और अपनी मांगें पूरी करने की गुहार लगाएंगे।

ये हैं कैंडिडेट्स की मांगें
– 5 सालों में जितनी नौकरियों की घोषणा की गई उन पर अमल हो।
– अटकी भर्ती जैसे एमपीपीएससी 2019, 2020, 2021 ओर व्यापमं की भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़ाकर तय समय में पूर्ण करें।
-मप्र में जो बेरोजगारी की समस्या बनी है उस पर ध्यान दिया जाए ,चुनावों में युवाओं के रोजगार के मुद्दे शामिल किए जाएं।
– प्रस्तावित भर्तियां पटवारी, एमपीएसआई आदि जल्द से जल्द घोषणा की जाए।
– ओबीसी केस का जल्द ही समाधान निकाला जाए। सरकार कोर्ट इसे अर्जेंट हियरिंग में शामिल करें ताकि आयोग को भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़ाने की दिशा साफ हो।