जिन देशों को हिंसा प्यारी है वो अपने आखिरी दिन गिन रहे हैं। हमें हमेंशा अहिंसावादी और शांतिप्रिय रहना चाहिए: मोहन भागवत

नई दिल्ली। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि हिंसा से किसी को फायदा नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि जरूरत इस बात की है कि हर समाज के लोगों को साथ लाया जाए जिससे इंसानियत बची रहे। मोहन भागवत का ये बयान ऐसे समय पर आया है जब राम नवमी और हनुमान जयंती पर लगभग देश के आधा दर्जन राज्यों में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुई हैं जिनमें बीजेपी शासित मध्य प्रदेश और गुजरात भी शामिल है। महाराष्ट्र में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा- हिंसा से किसी को फायदा नहीं मिलेगा। जिन देशों को हिंसा प्यारी है वो अपने आखिरी दिन गिन रहे हैं। हमें हमेंशा अहिंसावादी और शांतिप्रिय रहना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि समाज के हर वर्ग के लोगों को साथ लाया जाए ताकि इंसानियत बची रहे। हम सबको प्राथमिक्ता के आधार पर ये काम करना चाहिए। इस दौरान मोहन भागवत ने ये भी कहा कि सगंठित भारत के लिए जरूरी है कि देश में एक सिंधी यूनिवर्सिटी भी हो। उन्होंने कहा- सिंधी भाषा और उसकी संस्कृति को बचाए रखने के लिए जरूरी है कि देश में एक सिंधी यूनिवर्सिटी बनाई जाए। भारत एक बहु भाषायी देश है और हर भाषा की अपनी विशेषता है। बंटवारे के दौरान कुछ सिंधी लोग पाकिस्तान में ही रुक गए ताकि वो अपने धर्म और जमीन की रक्षा कर सकें वहीं काफी सारे सिंधी अपनी जमीन छोड़कर भारत भी आए ताकि अपनी संस्कृति अपनी भाषा को जिंदा रख सकें। मोहन भागवत ने आगे कहा- संयुक्त भारत के लिए देश में एक सिंधी यूनिवर्सिटी होना बहुत जरूरी है। मैने पहले भी सिंधी यूनिवर्सिटी बनाने की अपील की है लेकिन मैं सरकार में नहीं हूं। ये सरकार हो चाहे दूसरी सरकार, समाज के दवाब में ही कोई काम होता है। सरकारों के लिए सामाजिक दवाब पेट्रोल की तरह होता है। अगर आप सिंधी यूनिवर्सिटी का ख्वाब पूरा होते देखना चाहते हैं तो आपको सरकार पर दवाब बनाना होगा।