गलती बिजली कंपनी की, जेब ढीली होगी ईमानदार उपभोक्ताओं की, वसूली जाएँगे 1500 करोड़ !

भोपाल। बिजली कंपनी अपनी लचर कार्यप्रणाली का खामियाजा ईमानदार उपभोक्ताओं के माथे मढऩे की तैयारी कर रहा है। मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बिजली दर निर्धारण याचिका मप्र विद्युत नियामक आयोग में दाखिल की है। इसमें 1500 करोड़ रुपये के अंतर को पूरा करने के लिए औसत 3.02 प्रतिशत बिजली के दाम बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। करोड़ों रुपये का यह अंतर आने का कारण बगैर मीटर के बिजली की खपत करने वाले दो लाख उपभोक्ता हैं। इन सभी उपभोक्ताओं से 75 यूनिट प्रति माह की बिजली खपत का ही भुगतान लिया जा रहा है।
अकेले पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में दो लाख उपभोक्ताओं को 75 यूनिट मासिक की खपत के आधार पर बिल लिया जा रहा है। बिजली की खपत कितनी हो रही है इसका कोई हिसाब किताब नहीं है। इस नुकसान की भरपाई ईमानदार उपभोक्ताओं के हिस्से आ रही है। प्रारंभिक आंकलन में पावर मैनेजमेंट कंपनी को वर्ष 2023-24 के लिए 49500 करोड़ रुपये के राजस्व की जरूरत होगी जबकि सारे प्रयास करने के बाद उसे केवल 48000 करोड़ रुपये का राजस्व ही मौजूदा दर से मिलना संभावित है इस कमी को दूर करने के लिए कंपनी प्रबंधन ने औसत दर में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है।