भोपाल में प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या:लाश लेकर इंजीनियर प्रेमी के साथ 5 घंटे घूमती रही; थाने जाकर बोली- मैंने पति को मार डाला

 

भोपाल के कटारा हिल्स इलाके में महिला ने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति की हत्या कर दी। उसने हत्या करने से पहले काढ़े में नींद की 10 गोलियां मिलाकर पति को पिला दीं। फिर पड़ोस में रहने वाले अपने सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रेमी को बुलाकर हथौड़ी और डंडे से हमला कर दिया। आरोपी मंगलवार सुबह 9 बजे कार में शव रखकर उसे ठिकाने लगाने शहर के बाहरी इलाके में घूमते रहे। जब इसमें सफल नहीं हो सके तो दोपहर करीब डेढ़ बजे शव लेकर थाने पहुंच गए।

महिला ने पुलिस पूछताछ में बताया कि पति उसके चरित्र पर शंका करता था। पुलिस की जांच में सामने आया कि महीने भर पहले पति ने पत्नी को प्रेमी के साथ पकड़ लिया था। इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद होता था।

रास्ते से हटाने के लिए रची साजिश

एएसपी राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि टीका गोड़ी सीहोर के रहने वाले धनराज मीणा (39) खेती किसानी के साथ हार्टीकल्चर में इस्तेमाल होने वाले पाइप का बिजनेस करते थे। वह वर्ष 2014 से कटारा हिल्स इलाके में सागर गोल्डन पार्क में पत्नी संगीता, बेटे आयुष और बेटी के साथ रहते थे। उनके पड़ोस में नेट लिंक सॉफ्टवेयर कंपनी का इंजीनियर आशीष पाण्डेय रहता है। पड़ोसी होने के चलते दोनों परिवार के बीच दोस्ती हो गई। आशीष उनके घर आने-जाने लगा। महीने भर पहले धनराज ने संगीता और आशीष को घर में संदिग्ध हालत में देख लिया था। इसके बाद से वह पत्नी पर शक करने लगा। उसने आशीष से बोलचाल बंद कर दिया था। आशीष ने धनराज को रास्ते से हटाने के लिए संगीता के साथ मिलकर साजिश रची। इसके बाद आशीष ने संगीता को नींद की 20 गोलियां दी थीं।

कोरोना का डर बताकर दिया काढ़ा

सोमवार रात धनराज घर पहुंचे, तभी पत्नी ने कोरोना का डर बताकर उन्हें पीने के लिए काढ़ा दिया। उसने काढ़े में 10 गोलियां मिला दी थीं। काढ़ा पीने के बाद धनराज को नींद लग गई, तभी संगीता ने आशीष को बुला लिया। इसके बाद हथौड़ी और डंडे से सिर पर हमला कर धनराज की हत्या कर दी। शव को बोरे में भरकर आशीष ने अपनी कार की डिक्की में रख दिया। मंगलवार सुबह करीब 9 बजे दोनों शव को ठिकाने लगाने के लिए निकले। वह बायपास से होते हुए कोलार डैम की तरफ गए। इसी बीच आरोपियों को लगा कि पुलिस उन्हें पकड़ ही लेगी। इससे अच्छा है कि खुद थाने चलकर गुनाह कबूल लेते हैं। दोपहर करीब डेढ़ बजे आशीष और संगीता कार में शव रखकर कटारा हिल्स थाने पहुंचे। संगीता बोली कि पति की उसने प्रेमी के साथ मिलकर हत्या कर दी है। शव कार में रखा है। पुलिस यह सुनकर दंग रह गई।

इस कार में आरोपी शव को लेकर घूमते रहे।
इस कार में आरोपी शव को लेकर घूमते रहे।
संगीता ने बच्चों को बहन के घर भेज दिया था
संगीता ने पति की हत्या की साजिश सोमवार सुबह ही रच ली थी। उसने अपने दोनों बच्चों को पास में रहने अपनी बहन के घर भेज दिया था। बच्चों को बताया था कि उसे जरूरी काम से जाना है। जबकि, वह सोमवार को कहीं नहीं गई। आशीष के साथ मिलकर पति की हत्या की साजिश रच रही थी।

नर्क में ढकेल दूंगा, उसे ऊपर पहुंचा दूंगा…
संगीता ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि पति धनराज उसे धमकी देता था कि तुम्हें नर्क में ढकेल दूंगा, आशीष को ऊपर पहुंचा दूंगा..। हम लोग यदि उसे नहीं मारते तो वह हम लोगों को मार डालता। हालांकि, पुलिस संगीता के इस दावे को मनगढ़ंत मान रही है।

दादा को नींद की गोली देता था आशीष
आशीष मूलत: शिवपुरी का रहने वाला है। उसने IITM ग्वालियर से वर्ष 2012 में बीई किया है। इसके बाद वह नेटलिंक में जॉब करने लगा। उसकी पत्नी निजी स्कूल में टीचर है। पिता एसबीआई से रिटायर्ड हैं. एएसपी राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि आशीष के दादा को नींद नहीं आती थी। वह उनके लिए दवा लेकर आता था। उसे अच्छी तरह पता था कि उक्त दवा से धनराज गहरी नींद में सो जाएगा। इसके बाद हत्या करने में आसानी होगी।

लाश को कार की डिक्की में रखा था।
लाश को कार की डिक्की में रखा था।
नाइट शिफ्ट करने के बहाने घर से निकला
आशीष सोमवार रात को पत्नी को यह बताकर निकला था कि उसकी नाइट शिफ्ट है, इसलिए पत्नी को भी संदेह नहीं हुआ। वह कार से संगीता के घर पहुंच गया। इसके बाद दोनों ने मिलकर धनराज की हत्या कर दी।

लॉकडाउन में बढ़ी दोस्ती
एएसपी राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि कोरोना काल के दौरान दोनों परिवार करीबी दोस्त बने। इसके बाद दोनों का एक-दूसरे के घर आना-जाना होता था। धनराज व्यवसाय व खेती-किसानी के चलते अकसर घर से बाहर रहते थे। इस दौरान पत्नी बच्चों के साथ घर में अकेली रहती थी, जहां आशीष उससे मिलने आता था।