मप्र में बिजली फिर हो सकती है 15 फीसद तक महंगी, विदेशी कोयला पड़ेगा लोगों की जेब पर भारी

भोपाल । मप्र में आने वाले दिनों में पुन: बिजली के दामों में बढोत्तरी होने की पूरी संभावना है। प्रदेश की जनता को विदेशों से कोयला खरीदना भारी पड़ेगा। बिजली की मौजूदा दर से करीब 75 पैसे की बढ़ोतरी होना बताया जा रहा है। बिजली कंपनी करीब 7.5 लाख मीट्रिक टन विदेशी कोयला  खरीदने के लिए निविदा जारी कर चुकी है।

सेवानिवृत्त अतिरिक्त मुख्य अभियंता राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी आनन-फानन में विदेशी कोयला आयात करने जा रही है। इसके लिए 976 करोड़ रुपये की निविदा भी जारी हो गई है। 19 मई को निविदा खुलनी है। विदेशों से आने वाला काेयला देशी कोयले की तुलना में आठ गुना महंगा है। जिसकी वजह से वित्तीय बोझ बढ़ना तय है। इसका सीधा भार प्रदेश की जनता को महंगी बिजली खरीदकर उठाना होगा। राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि विदेशों से आने वाला कोयला न्यूनतम परिवहन समेत 15 हजार से 20 हजार रुपये मीट्रिक टन होगा। इसमें 10 फीसद सम्मिश्रण पर कोयले की दर 4000 से 6000 हजार रुपये मीट्रिक टन हो जाएगी तब प्रति यूनिट बिजली की दर 75 पैसे तक बढेगी।

अग्रवाल ने दावा किया कि मप्र विद्युत नियामक आयोग ने उपभोक्ताओं के टैरिफ में इजाफा करते हुए वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए विगत आठ अप्रैल को टैरिफ आदेश जारी किया है। जिसमें मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी के तापगृहों में देश के आतरिक स्त्रोतों से पूर्णत: 100 फीसद प्राप्त कायेले से बनी बिजली की कीमत तय की है। जो कि विभिन्न विद्युत गृह हेतु 2200 रुपये से 4200 रुपये प्रति मीट्रिक टन जिसके आधार पर ऊर्जा प्रभार निम्न तय है।राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि इस संबंध में मप्र पावर जनरेशन कंपनी ने मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी से भी परामर्श नहीं किया है। मप्र विद्युत नियामक आयोग के उत्पादन टैरिफ रेग्युलेशन 2020 की कंडिका 4303 के अनुसार मप्र पावर जनरेशन कंपनी को 30 प्रतिशत से अधिक महंगे कोयले से बिजली उत्पादन के पहले वितरण कंपनियों और होल्डिंग कंपनी से अनुमति लेनी होगी।पिछले दिनों मंथन 2022 में भी ऊर्जा सचिव संजय दुबे ने भी चर्चा में माना था कि बिजली के दाम विदेशी कोयला खरीदने से बढ़ेंगे।