भारतीय डॉक्टरों और छात्रों को मिली UAE जाने की अनुमति

भारत और नेपाल सहित छह देशों के उन नागरिकों को 5 अगस्त से संयुक्त अरब अमीरात में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी जिनके पास यूएई का रेजिडेंसी परमिट है और पूरी तरह से वैक्सीन लगवा चुके हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को घोषणा करते हुए कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों को भी यूएई लौटने की इजाजत दी जाएगी। यूएई के राष्ट्रीय आपातकालीन संकट और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनसीईएमए) और जनरल सिविल एविएशन अथॉरिटी के निर्देश पाकिस्तान, श्रीलंका, नाइजीरिया और युगांडा के नागरिकों पर भी लागू होंगे।

इस फैसले के बाद छह देशों से यूएई निवासी अपने मुल्क लौट सकेंगे, बशर्ते उन्हें वैक्सीन की दूसरी डोज मिले 14 दिन बीत चुके हों। यात्रियों के पास उनके देशों में अधिकारियों की ओर से जारी किया हुआ वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट होना चाहिए। हालिया निर्देशों के अनुसार, अन्य कैटेगरी के वैक्सीन लगवा चुके और बिना वैक्सीन वाले यात्रियों को भी 5 अगस्त से यूएई में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। इन श्रेणियों में यूएई में कार्यरत डॉक्टर, नर्स और टैक्नीशियन जैसे हेल्थ वर्कर्स, छात्र, वैध रेजिडेंसी परमिट वाले सरकारी कर्मचारी शामिल हैं।

भारत यूएई सहित जीसीसी (Gulf Cooperation Council) देशों पर दबाव बना रहा है ताकि भारतीय पेशेवरों और अन्य कामगारों को कोविड-19 संबंधित यात्रा प्रतिबंधों में ढील दी जा सके और जल्द से जल्द वे अपनी नौकरी पर लौट सकें। कुछ रिपोर्ट्स अनुमान लगा रही हैं कि यूएई प्रतिबंधों को अगस्त तक के लिए बढ़ा सकता है। अकेले संयुक्त अरब अमीरात में 3.42 मिलियन भारतीय रहते हैं, जो पश्चिम एशिया में प्रवासियों की सबसे बड़ी संख्या में से एक है।

यूएई में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के डॉक्टर और नर्स रहते हैं। यूएई ने इस साल की शुरुआत में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के बाद भारत पर नए यात्रा प्रतिबंध लगाए थे और उड़ानें निलंबित कर दी थीं। नए आदेश के बाद भी इन छह देशों से अन्य कैटेगरी के यात्रियों को यूएई में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। यात्रा की मंजूरी प्राप्त करने के लिए यात्रियों को संघीय प्राधिकरण की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट के अलावा यात्रियों के पास 48 घंटे के भीतर जांच कराई हुई नेगेटिव पीसीआर रिपोर्ट होनी चाहिए। प्लेन में चढ़ने से पहले एक लैब टेस्ट किया जाएगा और यूएई में प्रवेश से पहले एक पीसीआर टेस्ट भी किया जाएगा। इसके बाद इन्हें होम क्वारंटीन में रखा जाएगा।

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