नेताओं की पसंद से मैदानी अफसरों की पदस्थापना होगी, 15 जुलाई के बाद ट्रांसफरों की लंबी सूची होगी जारी

भोपाल। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार सरकार ने एक ही स्थान पर तीन साल से जमे नेताओं को हटाने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। पार्टी ने चुनावी जमावट के मद्देनजर मैदानी पदस्थापना के लिए अफसरों की सूची तैयार कर ली है। बताया जाता है की यह सूची स्थानीय नेताओं से राय लेकर बनाई गई है। ताकि जिलों में अफसरों की पदस्थापना के बाद नेता समन्वय के साथ काम कर सकें। संभावना जताई जा रही है कि 15 जुलाई के आसपास तबादलों की बड़ी लिस्ट जारी होगी। इस लिस्ट का अफसरों को बेसब्री से इंतजार भी है।
गौरतलब है कि प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद, मंत्री, विधायक और अन्य नेता मैदानी अफसरों के खिलाफ नाफरमानी के आरोप लगाते रहते हैं। अब चुनावी साल में सरकार की कोशिश है की मैदान में उन्हीं अफसरों को पदस्थ किया जाए जो स्थानीय नेताओं के साथ तालमेल बैठाकर काम कर सकें। बताया जाता है की इसके लिए क्षेत्रीय नेताओं से पूछकर अधिकारियों की पदस्थापना की सूची तैयार की गई है। इस सूची को सरकार जल्द जारी करेगी। मुख्यसचिव इकबाल सिंह बैंस ने सभी विभागों के अधिकारियों से कहा है कि चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार अधिकांश तबादले 15 जुलाई तक कर लिए जाएं। ताकि ज्यादा आपाधापी न हो। और जिला स्तर पर 31 जुलाई तक सभी पद भर लिए जाएं। 31 जुलाई के बाद जिलों में फेरबदल के लिए भी चुनाव आयोग से अनुमति लेना होगा।
5 जुलाई को सीएम ने किया था विचार-विमर्श
जानकारी के अनुसार, चुनाव के दौरान मैदानी अफसरों की पदस्थापना की पूरी तैयारी कर ली गई है। पांच जुलाई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी के केरवा डेम पर अफसरों के साथ बैठक की और प्रभारी मंत्री, सांसद, विधायकों से बात कर उनके क्षेत्र में पदस्थ होने वाले अफसरों की तैनाती के बारे में विचार-विमर्श किया। सीएम करीब पांच घंटे से अधिक समय तक वहां रहे। इस दौरान अधिकांश विधानसभा क्षेत्रों में पदस्थ होने वाले बड़े अधिकारियों के नामों पर विचार किया गया। सीएम के साथ उनके प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, अपर सचिव प्रीति मैथिल, ओएसडी अंशुमान सिंह, महीप तेजस्वी और उप सचिव नीरज वरिष्ठ सहित अन्य अमला मौजूद था।
15 के आसपास जारी होगी सूची
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पांच जुलाई का अपना दिन रिजर्व रखा था। इस दिन मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारियों के साथ सारा दिन केरवा डेम स्थित गेस्ट हाऊस में रहे। सूत्रों की माने तो चुनाव को देखते हुए कई स्थानों पर डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, डीएसपी समेत अन्य प्रमुख अधिकारियों की पदस्थापना के लिए सांसद, प्रभारी मंत्री, विधायक व संगठन ने अलग नामों की सिफारिश की थी। संगठन ने अलग नामों की सिफारिश की थी। कुछ विधायकों व सांसदों ने एक ही स्थान के लिए दो-तीन अधिकारियों व कर्मचारियों की पदस्थापना की सिफारिश कर दी थी। ऐसे में समन्वय बनाना आसान नहीं था। साथ ही पदस्थापना से पहले अधिकारियों व कर्मचारियों का रिकार्ड भी चेक किया जाएगा, ताकि दागी अधिकारियों व कर्मचारियों की पदस्थापना न हो जाए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अफसरों ने संबंधित नेताओं से चर्चा कर एक नाम पर सहमति बना दी। ऐसा नगरीय निकाय और जिला पंचायत के कुछ अधिकारियों को लेकर भी किया गया। समन्वय से एक नाम फाइनल कर नेताओं के बीच किसी तरह के संभावित विवाद या रस्साकस्सी पर भी विराम लगा दिया। अब 15 जुलाई के आसपास बड़ी तबादला सूची जारी होने की उम्मीद है। उधर, प्रदेश का हर सांसद और विधायक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का अपने क्षेत्र में दौरा चाहता है। चुनाव के समय तो सीएम की डिमांड हर नेता करता है। अब चुनाव करीब हैं, सीएम के दौरे कैसे हों, कब हो और उन पर काम का बोझ अत्याधिक न हो इस पर भी विचार किया गया। सीएम के दौरों को लेकर भी जल्द नया फार्मूला सामने आएगा।