मप्र में कांग्रेस सरकार बनाने को नियुक्त किए जाएँगे चार कार्यकारी अध्यक्ष, 4 अलग-अलग अंचल से बनेंगे

 

ग्वालियर। प्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए प्रदेशध्यक्ष कमलनाथ कोई कोर कसर नहीं छोडऩा चाहते हैं। यही वजह है कि उनके द्वारा अपनी कार्यकारिणी बनाए जाने के बाद एक बार फिर से उसमें कई बेहद महत्वपूर्ण पदों पर नई नियुक्तियां करने की कवायद शुरु कर दी गई है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण हैं पार्टी संगठन में पुरानी व्यवस्था को बहाल किया जाना, जिसके तहत प्रदेश में फिर से चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की कवायद की जा रही है। माना जा रहा है कि यह चारों अध्यक्ष चार अलग-अलग अंचलों से बनाए जाएंगे, जिसमें जातिगत समीकरणों का खासतौर पर ध्यान रखा जाएगा। इनकों चार अलग-अलग अंचलों का जिम्मा भी सौंपा जाएगा। खास बात यह है कि इन चारों पदों पर उन चेहरों को ही कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की तैयारी है जो ऊर्जा से भरपूर होकर संगठन को मजबूती प्रदान करने में सक्षम माने जाएंगे। प्रदेश में बीते विधानसभा चुनाव से पहले भी चार कार्यवाहक अध्यक्ष बनाए गए थे। इनमें जीतू पटवारी, बाला बच्चन, रामनिवास रावत और सुरेन्द्र चौधरी शामिल हैं। इन्हें 24 अप्रैल 2018 को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया था। इन चारों की नियुक्ति में भी जातिगत समीकरणों का पूरा ख्याल रखा गया था। यह बात अलग है कि इसमें क्षेत्रीय समीकरणों का ध्यान न रखते हुए मालवा निमाड़ अंचल को विशेष महत्व दिया गया था।
उधर, मल्लिकार्जुन खडग़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस का पहला राष्ट्रीय अधिवेशन 24 फरवरी से रायपुर में शुरू होने जा रहा है। सब कुछ ठीक रहा तो कांग्रेस वर्किंग कमेटी में एमपी की भी लॉटरी लगना तय मानी जा रही है। सीडब्ल्यूसी में पीसीसी चीफ कमलनाथ या पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की एंट्री हो सकती हैं। बता दें कि अभी मध्य प्रदेश से सीडब्ल्यूसी में कोई भी स्थाई सदस्य नहीं है। प्रदेश से इस समिति में सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अर्जुन सिंह, मोतीलाल बोरा और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया ही जगह पा सके थे। चुनावी साल के लिहाज से मप्र पर फोकस किया जा सकता है। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह में से किसी एक की इामें एंट्री हो सकती है। यह चुनावी साल है लिहाजा चुनाव वाले राज्यों के इलेक्शन प्लान में कांग्रेस भी जुटी हैं। फरवरी का आखिरी हफ्ता पार्टी के लिए कई मायनों में अहम है।
सीडब्ल्यूसी में दिखेगा मप्र का दम
कांग्रेस की शीर्ष प्रबंध कार्यकारिणी संस्था सीडब्ल्यूसी में एमपी से कोई भी स्थायी मेंबर नहीं है। दो या तीन बार ही मौका आया, जब सीडब्ल्यूसी सदस्यों का इलेक्शन हुआ। जिसमें अर्जुन सिंह, मोतीलाल बोरा और माधवराव सिंधिया को ही जगह मिल सकी। अब मल्लिकार्जुन खडग़े के अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी का पहला राष्ट्रीय अधिवेशन रायपुर में 24 फरवरी को होने जा रहा है। जिसमें देश भर के डेलीगेट्स का जमावड़ा होगा। इसमें आगामी चुनावी माहौल की नब्ज टटोलने के साथ कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। बड़ी बात यह है कि सब कुछ ठीक रहा तो सीडब्ल्यूसी और इलेक्शन कमेटी भी गठित हो सकती है। पार्टी के जानकारों का कहना है कि चुनावी राज्यों की मौजूदा परिस्थितियों का ख्याल रखते हुए अभी से प्लानिंग हो रही है। एमपी में इन दिनों पार्टी में सीएम फेस को लेकर भी घमासान मचा है। ऐसे में यदि कमलनाथ की सीडब्ल्यूसी में एंट्री हुई तो कई कयासों पर विराम भी लग जाएगा। क्योकि नई समिति के कंधों पर ही विधानसभा और लोकसभा चुनाव प्रत्याशियों के चयन का जिम्मा होगा।