परिवहन विभाग इंदौर-छिंदवाड़ा में प्रदेश स्तरीय; भोपाल में रीजनल ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलेगा, ग्वालियर का नाम भी शामिल

भोपाल। आने वाले समय में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना कठिन होने के साथ महंगा भी हो सकता है। परिवहन मुख्यालय की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर इंदौर व छिंदवाड़ा में प्रदेश स्तरीय इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च (आईडीटीआर) खोलने की मंजूरी केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने प्रदान कर दी है। जबकि रीजनल ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर (आरडीटीसी) खोलने की मंजूरी भोपाल में वक्रतुंड सोसायटी, बैतूल में मल्टीट्रेड कंपनी व छतरपुर में तपस्या कंपनी को प्रदान की गई है।
परिवहन आयुक्त संजय कुमार ने बताया कि प्रदेश में शुरुआती दौर में जिला स्तरीय ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर सिंगरौली में आर्यन मोटर, सतना में सार्थक वेल फेयर सोसायटी व धार में मालवा ड्राइविंग जिले में खोलने की मंजूरी प्रदान की गई है। जबकि अभी 75 आवेदन केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में लंबित हैं। इनमें ग्वालियर भी है। बताया जा रहा है कि भारी वाहनों को चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस तभी मिलेगा जब चालक ट्रेनिंग लेंगे। इसके लिए 6 सप्ताह तक की ट्रेनिंग लेने के बदले 10 हजार रुपए तक का भुगतान करना पड़ सकता है।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इंदौर व छिंदवाड़ा में इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च सेंटर खोलने की प्रदान की गई है। जबकि तीन-तीन जिलों में संभाग स्तरीय व जिला स्तरीय ट्रेनिंग सेंटर खोलने के लिए मंजूरी मिल चुकी है।
-अरविंद सक्सेना, अपर परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन