डॉक्टर थरेजा अस्पताल में गोली चलने के बाद अस्पताल से मरीज गायब, स्टॉफ कुछ नहीं बोल रहा

 

अस्पताल में भर्ती पीडि़त ने कहा-डॉक्टर ने मुझे मारी है, भागता नहीं तो वह मार देता

ग्वालियर। मप्र के ग्वालियर में इंदरगंज थाना क्षेत्र स्थित शिंदे की छावनी स्थित डॉक्टर थरेजा अस्पताल में गत दिवस शाम को गोली चलने की घटना के बाद पूरा अस्पताल आज शुक्रवार को सुबह के समय खाली मिला। सिर्फ एक बुजुर्ग मरीज भर्ती था, जिसे उसके परिजन अन्य अस्पताल में शिफ्ट करने की चर्चा कर रहे थे। इधर पूरा स्टॉफ भी अस्पताल से गायब है। आज फिर पुलिस की एक टीम अस्पताल में जाकर फिर से जांच-पड़ताल करेगी। जयारोग्य अस्पताल में गोली चलने से घायल टेकनपुर क्षेत्र में रहने वाले घायल सरबजीत सिंह पुत्र चरण सिंह उम्र 60 साल की हालात अब स्थिर है। ट्रॅामा सेंटर में भर्ती घायल एक ही बात कह रहा है कि डॉक्टर संजीव थरेजा ने उसे जान से मारने की नीयत से गोली मारी है। क्यों मारी है? इसके बार में वह कुछ नहीं बता पा रहा है। बता दें कि कल बुधवार को सरबजीत सिंह ने पुलिस को बताया कि वह थरेजा अस्तपताल में भर्ती मरीज सतपाल सिंह से मिलने आया था।

शाम चार बजे जब डॉक्टर संजीव थरेजा ने उसे वार्ड नंबर तीन में गोली मार दी। सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दे रहा है कि घायल व्यक्ति अस्पताल के स्टाफ से झूमाझटकी करता हुआ वहां से भाग गया। वह सीधे इंदरगंज थाने पहुंचा।

पुलिस ने हत्या के प्रयास का केस डॉक्टर के खिलाफ दर्ज कर लिया है। पुलिस को मौके से एक कट्टा और चला हुआ कारतूस मिला है। एक्सपर्ट बता रहे हैं कि इस स्थिति में अगर वैपन पर लगे फिंगर पिं्रट की जांच पुलिस करे तो स्पष्ट हो जाएगा कि गोली स्वयं पीडि़त ने चलाई है या डॉक्टर ने। फिलहाल, पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

जांच के बाद पुलिस करेगी अरेस्ट
पुलिस के अनुसार गोली खुद मारी है या डॉक्टर ने चलाई है। इस आशंका पर पुलिस ने अपनी जांच शुरु कर दी है। थाना प्रभारी आसिफ मिर्जा ने बताया कि हम दोनों बिंदुओं पर अपनी जांच को आगे बढ़ा रहे हैं। बता दें कि डॉक्टर थरेजा को खबर लिखे जाने तक अरेस्ट नहीं किया गया है।

डॉक्टर थरेजा का रहा है विवादों से नाता
यहां बता दें कि डॉक्टर संजीव थरेजा का विवादों से पूर्व से नाता है। कई बार अस्पताल में भर्ती मरीजों का गलत इलाज करने और कोरोना काल में बिना किसी अनुमति के कोरोना पीडि़तों का इलाज करने के लिए अस्पताल को सीएमएचो कार्यालय द्वारा नोटिस दिया गया था। वहीं अस्पताल में गंदगी को लेकर भी कार्रवाई की गई थी। कई बार थरेजा के व्यवहार की भी शिकायतें मरीजों के परिजन ने की।