ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पुलिस विभाग में कार्यरत फोरेंसिक एक्सपर्ट अखिलेश भार्गव की शिकायतकर्ता पुत्री जिला सत्र न्यायालय की एक अदालत में प्रकरण…
नई दिल्ली: केंद्र ने दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष नए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों की वैधता का बचाव करते हुए कहा है कि ये नियम ‘प्रेस की स्वतंत्रता के दुरुपयोग को रोकने’ तथा डिजिटल मीडिया क्षेत्र में फर्जी खबरों से नागरिकों की रक्षा करने का काम करेंगे. केंद्र ने नए आईटी नियमों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका को लेकर अपने जवाबी हलफनामे में यह बात कही. केंद्र ने कहा, ‘हालांकि भारत जैसे जीवंत लोकतंत्र के लिए प्रेस की स्वतंत्रता सहित भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन नागरिकों को निष्क्रिय उपभोक्ताओं के रूप में नहीं माना जा सकता है.’
केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा कि मीडिया में गलत जानकारी के प्रचार के कारण कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने के कई मामले सामने आ चुके हैं. डिजिटल मीडिया के माध्यम से सनसनीखेज जानकारी के प्रसारित होने से लोग उसे गलत अर्थ में समझ बैठते हैं, जिससे काफी नुकसान होता है. फर्जी खबरों के प्रसार के कारण लोगों की गलत धारणा बनती है. नए आईटी नियम एक शिकायत निवारण तंत्र के माध्यम से डिजिटल समाचार प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित की जा रही सामग्री से संबंधित अपनी शिकायतों को उठाने के लिए एक तंत्र के साथ नागरिकों को सशक्त बनाकर प्रेस की स्वतंत्रता के दुरुपयोग को रोकने का प्रयास करेंगे.
सूचना और प्रसारण मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से दायर हलफनामे में यह बात कही गयी.मालूम हो कि फरवरी में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए नए आईटी नियमों के हिसाब से बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों को किसी उचित सरकारी एजेंसी या अदालत के आदेश/नोटिस पर एक विशिष्ट समय-सीमा के भीतर गैर कानूनी सामग्री हटानी होगी.
नियमों में सेक्सुअल कंटेट के लिए अलग श्रेणी बनाई गई है, जहां किसी व्यक्ति के निजी अंगों को दिखाए जाने या ऐसे शो जहां पूर्ण या आंशिक नग्नता हो या किसी की फोटो से छेड़छाड़ कर उसका प्रतिरूप बनने जैसे मामलों में इस माध्यम को चौबीस घंटों के अंदर इस आपत्तिजनक कंटेंट को हटाना होगा.नए नियमों के अनुसार, सरकार या अदालत के कहने पर सोशल मीडिया मंचों, खासकर मैसेजिंग की प्रकृति (जैसे वॉट्सऐप) वाले मंचों को शरारतपूर्ण सूचना की शुरुआत करने वाले ‘प्रथम व्यक्ति’ की पहचान का खुलासा करना होगा.
One Reply to “केंद्र ने हाईकोर्ट में किया नए आईटी नियमों का बचाव, कहा- प्रेस की आज़ादी का दुरुपयोग रोकेंगे”
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