परिवहन विभाग ने यात्री वाहनों में फ़रवरी तक पैनिक बटन और GPS लगाने की दी राहत, वाहन स्वामी नहीं लगवा रहे

ग्वालियर । परिवहन विभाग ने फरवरी तक यात्री वाहनों में पैनिक बटन व जीपीएस लगवाने की वाहन मालिकों को छूट क्या दी इन वाहनों के संचालक मनमानी पर उतर आए हैं। ये न तो वाहनों में पैनिक बटन लगवा रहे हैं और न ही क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के अधिकारी उन्हें प्रेरित कर रही है। हालात यह हैं कि आरटीओ कार्यालय में बिना पैनिक बटन व जीपीएस लगे वाहनों की फिटनेस की जा रही है।
उधर इन वाहनों की निगरानी के लिए यहां बनाया जा रहा राज्य निगरानी केंद्र भी शुरू नहीं हो पाया है। केंद्र में कंप्यूटर सिस्टम लग गए हैं। एक बड़ी स्क्रीन लगी है जिससे वाहनों की लोकेशन का पता लगाया जा सकता है। इसकी जिम्मेदारी सिर्फ दो कर्मचारी संभाल रहे हैं। ऐसे में भोपाल सहित प्रदेश भर में अधिकांश वाहन बिना पैनिक बटन व जीपीएस के चल रहे हैं और इनमें महिलाओं व बेटियों को सुरक्षित यात्रा का अनुभव नहीं हो पा रहा है।
फरवरी तक की मोहलत
बता दें कि परिवहन विभाग के फरमान के बाद वाहन संचालकों ने पांच से छह हजार रुपये का पैनिक बटन व 15 हजार रुपये का जीपीएस लगवाने का विरोध किया था। साथ ही उच्च न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाया था। न्यायालय ने सुनवाई के बाद परिवहन विभाग को छूट देने का आदेश दिया। इसके बाद परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा ने फरवरी तक यात्री वाहनों में पैनिक बटन व जीपीएस लगवाने की मोहलत दे दी है।
इसलिए काम नहीं कर पा रहा सेंटर
परिवहन विभाग ने केंद्र के संचालन की जिम्मेदारी एक एजेंसी को दी है। अभी एजेंसी के कर्मचारी किसी को इसमें प्रवेश नहीं देते हैं। यह सिर्फ कर्मचारियों के फिंगर प्रिंट से खुलता है। इन कर्मचारियों का कहना है कि जब तक प्रदेश में चलने वाले सभी तरह यात्री वाहनों में पैनिक बटन व जीपीएस नहीं लग जाते हैं तब तक राज्य निगरानी केंद्र पूरी तरह से काम नहीं कर सकेगा। ऐसे में परिवहन विभाग की कार्ययोजना सफल होती नहीं दिख रही है।
ऐसे काम करेगा केंद्र
सेंटर में लगे कंप्यूटर सिस्टम के जरिये प्रदेश में कहीं भी चलने वाले यात्री वाहनों के बारे में पता किया जा सकता है। यदि बसों सहित अन्य यात्री वाहनों में महिलाएं या बेटियां यात्रा कर रही हैं। उनके साथ छेड़छाड़ या कोई अभद्र व्यवहार होता है और संबंधित महिलाएं या बेटियां सीट पर लगे पैनिक बटन को दबा देती हैं तो सेंटर में बैठे कर्मचारियों को पता चल जाएगा। केंद्र से संबंधित वाहन की लोकेशन पता लगाकर नजदीकी थाने की पुलिस से संपर्क करके संबंधित महिला व बेटी को सुरक्षा प्रदान की जाएगी।

यात्री वाहनों पर नजर रखने के लिए राज्य निगरानी केंद्र तैयार किया गया है। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में काम पूरा हो चुका है। ट्रायल भी किया गया है। सभी यात्री वाहनों में पैनिक बटन व जीपीएस लगने के बाद पूरी तरह से केंद्र का संचालन हो सकेगा। यात्री वाहनों में यात्रा करने वाली महिलाओं व बेटियों को सुरक्षा मिलेगी।
– अरविंद सक्सेना उप परिवहन आयुक्त