आरकेडीएफ समूह: फर्जी डिग्री और छात्रवृत्ति का मामला ठंडे बस्ते में ;जांच कमेटी बरत रही लापरवाही

 

भोपाल । अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने आरकेडीएफ समूह से वर्ष 2012-13 से 2020-21 तक की जानकारी मांगी है। सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत हुई।प्रधानमंत्री कार्यालय से भी जांच किए जाने के लिए पत्र लिखा गया। इसके बाद भी जांच के नाम पर आरोपियों को बचाने की कार्यवाही हो रही है। आरकेडीएफ समूह द्वारा मध्यप्रदेश में पांच विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं। इनमें बड़े पैमाने पर फर्जी पंजीयन करके डिग्री एवं छात्रवृत्ति का घोटाले का मामला सामने आया था।पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के आयुक्त गोपाल चंद्र डॉड के अनुसार अधिकारियों की एक कमेटी बनाई गई है।इस कमेटी का अध्यक्ष संचालनालय के उपसंचालक नीलेश देसाई को बनाया गया है।इस कमेटी में 3 और भी सदस्य हैं। लेकिन जांच के नाम पर यहां से वहां कागज चल रहे हैं। जांच नहीं हो रही है। जिसके कारण प्रत्यक्ष रूप में घोटालों को दबाने का काम किया जा रहा है।वहीं इस समूह द्वारा अभी भी घपले और घोटाले जारी हैं।
इस समूह की दर्जनों शिकायत शासन के पास लंबित हैं।लेकिन हर शिकायत के बाद अधिकारी जांच की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।आरकेडीएफ समूह द्वारा नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। सरकार और अधिकारियों की कृपा दृष्टि होने के कारण समूह बेखौफ फर्जी डिग्रीफर्जी पंजीयन और फर्जी छात्रवृत्ति के मामले में कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है।सबसे बड़े आश्चर्य की बात हैकि यह समूह कितना पावरफुल है। इसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कार्यालय भी इस समूह की जांच नहीं करा पा रहा है।