अपहरण करने के बाद जंगल में ले जाकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को ग्वालियर जिला न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई

ग्वालियर।  मध्य प्रदेश स्थित ग्वालियर जिले के सत्र न्यायालय ने अपहरण और जंगल में ले जाकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाकर दंडित किया है।न्यायालय ने निर्णय सुनाते हुए कहा कि ऐसे आरोपी को सजा देना बहुत ज़रूरी है ताकि अपराधी इस प्रकार के अपराध करने से पहले सोचें। आरती शर्मा, अनन्‍यत: न्यायाधीश लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम ग्वालियर ने आरोपी लाखन ऊर्फ सतेन्द्र पुत्र चैउराम रजक उम्र 28 वर्ष, निवासी ईश्वर लाल का मकान तलैया मौहल्ला को दोषीपाते हुए धारा 376(1) भादवि में आजीवन कारावास एवं धारा 366 भादवि में 5 वर्ष एवं धारा 25(1-बी)(ए) आयुध अधिनियम में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल रूपये 11000/- रूपये का जुमार्ना लगाया।

अभियोजन की ओर से सफल पैरवी करने वाले अतिरिक्त  जिला लोक अभियोजन अधिकारी अनिल मिश्रा व कल्पना यादव एडीपीओ द्वारा जानकारी देते हुये कहा कि फरियादिया द्वारा पुलिस थाना आरोन पर उपस्थित होकर रिपोर्ट किया कि वह दिनांक 05-11-2014 को दोपहर 12:30 बजे अभियुक्त्री मोटरसाईकिल से ग्राम सेवढा से रिठौदन जा रहे थे जैसे ही वह मोहना रोड पर आये तो एक मोटरसाईकिल से दो बदमाश आये जिन्होटने उसकी मोटरसा‍ईकिल के बराबर में आकर उसकी मोटरसाईकिल रोकी और अभियोक्त्री को एक बदमाश पकडकर खीचा जिससे अभियोक्त्री की मोटरसाईकिल से गिर गई उसने मोटर साईकिल रोकी तो एक बदमाश ने उसे मोटरसाईकिल की चैन से मारा, कान के पास चोट आई और एक बदमाश ने कटटा दिखाया फिर दोनों बदमाश अभियोक्त्री को संभोग करने के आशय से मोटरसाईकिल पर जबरदस्ती से बिठाकर जंगल में ले जाकर बलपूर्वक उसकी इच्छा के विरूद्ध बलात्कार किया और 315 बोर का एक देशी कटटा तथा 315 बोर के जिन्दा राउण्ड रखे होने के लिए थाना आरोन मे अपराध क्रमाकं 80/14 अंतर्गत धारा 366, 376 भादवि एवं धारा 5 (आई) सहपठित, 6 पोक्सो एक्ट धारा 25(1-बी)(ए) आयुध अधिनियम 1959 पंजीवद्ध कर विवेचना में लिया गया।

विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्या्यालय के समक्ष पेश किया गया। माननीय न्यायालय ने अभियोजन साक्षियों एवं तर्को प्रमाणित पाये जाने पर आरोपी को सजा सुनाई एवं एक आरोपी करन सिंह पुत्र रघु जाटव उम्र 33 साल निवासी ग्राम मेहरा थाना पोहरी जिला शिवपुरी आज दिनांक तक फरार है।