ग्वालियर: कुटुंब न्यायालय ने कहा- पैसा जमा नहीं किया तो जेल जाना होगा-युवक के पिता ने पत्नी का मंगलसूत्र गिरवी रखकर उसे मुक्त कराया

ग्वालियर।  कोई ग़रीब आदमी अगर न्यायालय की जटिल कार्यशैली में फँस जाए तो उसे पूरी ज़िंदगी यही मलाल रहता है कि उसकी गलती क्या है। न्यायालय के सालों-साल चक्कर काटने के बाद भी अगर न्याय नहीं मिले तो ग़रीब आदमी का जीना दूभर हो जाता है। ऐस ही एक प्रकरण ग्वालियर स्थित कुटुंब न्यायालय में देखने को मिला। पीड़ित पक्षकार के अधिवक्ता हरीश दीवान ने जानकारी देते हुए बताया कि कुटुंब न्यायालय ग्वालियर में भरण पोषण की राशि जमा न करने पर अनावेदक किशन सिंह तोमर को न्यायालय ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया ।उस वारंट के पालन में थाना जनकगंज पुलिस ने अनावेदक को गिरफ्तार कर कुटुंब न्यायालय में पेश किया।

जानकारी में बताया कि भरण पोषण की राशि 48 हजार रुपये थी।इस राशि में से अनावेदक दस हज़ार जमा कर रहा था परंतु अधिवक्ता के अनुसार न्यायालय द्वारा दबाव बनाया गया की 20 हजार जमा करो नहीं तो जेल भेज दूंगा अनावेदक की अधिवक्ता ने अदालत से अनुरोध किया कि उसे तीन दिन का समय दिया जाए लेकिन समय नहीं देकर राशि आज ही जमा करो या जेल जाओ का बात न्यायालय ने कही।

अनावेदक युवक

 

अनावेदक किशन सिंह तोमर के पिता ने अपनी पत्नी का मंगलसूत्र दस हज़ार में गिरवी रखकर न्यायालय में जमा कर लड़के को छुड़वाया। अनावेदक का विवाह वर्ष 2016 में गुड़ा निवासी राखी के साथ संपन्न हुआ था ।वह मुश्किल 15 दिन ससुराल में रही उसके बाद उसने अपने माता-पिता के घर चली गई और मेंटेनेंस का दावा कुटुंब न्यायालय लगा दियाजिसमें प्रतिमाह 1500 रुपये देने का ऑर्डर कोर्ट ने दिया था ।चूँकि आवेदक बेरोज़गार था तो यह पैसा जमा करने में असक्षम हो गया। कोर्ट से उसके ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी हुआ ।पुलिस ने गिरफ़्तार कर कोर्ट में पेश किया जहाँ से उसके पिता ने अपनी पत्नी का मंगलसूत्र पेश कर मेंटेनेंस की राशि तुरंत जर्मन जमा कराई।