ग्वालियर: इंटरनेशनल एयरोस्पेस कॉन्फ़्रेन्स में निवेशकों से बोले सिंधिया-आप निवेश करो हम हर संभव मदद करेंगे

 

ग्वालियर। विमानन उद्योग में संभावना एवं निवेश प्रोत्साहन के उद्देश्य से दो दिवसीय बी-20 इंटरनेशनल एयरोस्पेस कांफ्रेंस का शुक्रवार को ग्वालियर शहर के सिटी सेंटर स्थित होटल रेडीसन में केन्द्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उद्घाटन किया। देश-विदेश के विमानन प्रतिनिधियों, विशिष्ट अतिथियों, उद्योगपतियों और मंत्रियों की मौजूदगी में कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने एरोस्पेस के उत्पादन व उद्योग संभावनाओं को लेकर मेक इन एमपी का आह्वान किया।यह बी- 20 इंटरनेशनल एयरोस्पेस कांफ्रेंस भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा नागर विमानन मंत्रालय की सहभागिता से आयोजित किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि , भारत में बदलाव का मूकदर्शक नहीं भागीदार रहा है ग्वालियर। उन्होंने ग्वालियर के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा, की ग्वालियर में 1937 में फ़्लाइग बोट सर्विस हुआ करती थी जो इंग्लैड और ऑस्ट्रेलिया के बीच उड़ती थी जिसका प्रारम्भ माधव सागर में होता था। आज़ादी से कई वर्ष पहले की भारत के कई  शहरों के लिए सीधी उड़ान ग्वालियर से उड़ती थी । 1941 में बैंग़लोर ग्वालियर दिल्ली की उड़ान और बॉम्बे ग्वालियर दिल्ली की उड़ान यहाँ से होती थी ।

अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ग्वालियर में बन रहे नए टर्मिनल की आधारशिला पिछले साल माननीय गृह मंत्री अमित शाह जी द्वारा रखी गई थी। उन्होंने बताया की ग्वालियर हवाईअड्डे पर रु 500 करोड़ की लागत से ढाई लाख स्क्वेर फ़ीट में चार एरोब्रिज के साथ टेग्रेटेड डोमेस्टिक टर्मिनल का निर्माण हो रहा है। उन्होंने यह विश्वास भी दिलाया कि यह टर्मिनल भवन भारत के इतिहास में सबसे कम रिकॉर्ड समय (15 महीने) में बनने वाला टर्मिनल भवन होगा ।

केंद्रीय मंत्री ने कहा की देश में मेक इन इंडिया के उदय के बाद से विकास की नई धारा बह रही है। विकास के नित नए कीर्तिमान लिखे जा रहे हैं। 20 साल पहले हम कल्पना भी नहीं कर सकते थे कि हम फाइटर जेट बना सकते हैं लेकिन आज हम बिना किसी की मदद के, अपनी आत्मनिर्भरता के बल पर चाँद पर अपना झंडा फेहरा रहे है।

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा की यह सही समय है की पूरे विश्व की सभी एरोस्पेस कंपनिया भारत में निवेश करें। देश के आज़ादी के बाद, 70 सालों में 74 एअरपोर्ट बने थे वहीँ पिछले 9 सालों में यह आँकड़ा दोगुना हो चुका है अब 148 एअरपोर्ट है और मैं यह वायदा कर रहा हूँ की 2-3 साल में हम 200 एअरपोर्ट का आँकड़ा को छू लेंगे । देश में 2014 में केवल 200 हवाई जहाज थे अब यह आँकड़ा 700 को छू चुका है ।

प्रथम सत्र में केंद्रीय मंत्री से प्रश्नों का जवाब पाते उद्योगपति

रेलवे के साथ नागर विमानन की क्षेत्र की तुलना करते हुए उन्होंने कहा की आज भारत के ट्रेन के एसी फ़र्स्ट और सेकंड क्लास में 18.5 करोड़ लोगों को यात्रा कर रही है और 14.5 करोड़ हवाई यात्रा कर रहे है । उन्होंने बताया की जहाँ रेलवे का Compound annual growth rate (CAGR)5% है।


कार्यक्रम के अंत में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उपस्थित निवेशकों और अतिथियों को भारत में निवेश करने की सलाह दी। उन्होंने बताया की विमानन क्षेत्र ने पिछले 9 वर्षों में अभूतपूर्व बदलाव किये है – ड्रोन से लेकर PLI स्कीम तक और DigiYatra सुविधा से लेकर MRO ecosystem के निमर्ण तक – हर क्षेत्र में अब भारत सफलता प्राप्त कर रहा है।