3 हजार आयुष डाक्टरों को राहत, हाई कोर्ट ने सेवा समाप्ति के आदेश पर लगाई रोक

 

भोपाल । प्रदेश के तीन हजार से ज्यादा आयुष डाक्टरों को सोमवार को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत राज्य शासन ने इन डाक्टरों को संविदा नियुक्ति पर रखा था। 31 मार्च को अचानक इन सभी की सेवाएं समाप्त कर दी गईं। शासन के सेवा समाप्ति के आदेश को चुनौती देते हुए आयुष डाक्टरों ने मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ के समक्ष याचिका दायर की है। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के तर्क सुनने के बाद शासन द्वारा 31 मार्च को जारी आदेश पर रोक लगा दी। कोर्ट ने शासन से इस मामले में छह सप्ताह में जवाब मांगा है।

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के चलते प्रदेश सरकार ने एनएचएम के तहत प्रदेश में आयुष डाक्टरों की नियुक्तियां की थीं। इन डाक्टरों के वेतन के रूप में हर माह 25 हजार रुपये का भुगतान किया जा रहा था। हाल ही में 31 मार्च को इन सभी आयुष डाक्टरों की सेवाएं शासन ने यह कहते हुए समाप्त कर दी थीं कि फंड नहीं है।

इसे चुनौती देते हुए डाक्टर हाई कोर्ट पहुंचे हैं। उनका कहना है कि हमने कोविड काल में अपनी जान दांव पर लगाकर सेवा दी है। सरकार एक तरफ कह रही है कि फंड समाप्त हो गया है दूसरी तरफ आयुष डाक्टरों की जरूरत बताकर हाल ही में विज्ञापन जारी किया गया है। इस तरह से सरकार दोहरा मापदंड अपना रही है।

सोमवार को न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। एडवोकेट पाठक ने बताया कि कोर्ट ने आयुष डाक्टरों की सेवा समाप्ति के आदेश पर रोक लगाते हुए फिलहाल उनकी सेवा जारी रखने को कहा है। कोर्ट ने शासन से छह सप्ताह में इस मामले में जवाब मांगा है।

एडवोकेट पाठक के मुताबिक कोर्ट के इस आदेश का फायदा प्रदेश के सभी आयुष डाक्टरों को मिलेगा जिनकी नियुक्ति राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कोविड काल में हुई थी।