चुनाव आयोग गाइडलाइन; डीआईजी-SP और एएसपी की नए सिरे से होगी पदस्थापना, ग्वालियर-छतरपुर,सिंगरौली के अधिकारी प्रभावित

भोपाल। लोकसभा चुनाव को लेकर आयोग द्वारा अफसरों की पदस्थापना को लेकर जारी निर्देशों के दायरे में अब कई आईपीएस अफसर आ गए हैं। इसकी वजह से अब उनकी नए सिरे से पदस्थापना होनी तय है। यह ऐसे अफसर हैं, जिनके द्वारा अपने रसूख की दम पर मनचाही पदस्थापना करा रखीं थी। दरअसल आयोग की ओर से एक लोकसभा क्षेत्र में तीन साल की पदस्थापना का मापदंड तय कर दिए जाने से अब इनकी नए सिरे से पदस्थापना की सूची बनाई जा रही है। इसके दायरे में वे अफसर आ रहे हैं, जिन्होंने एक ही स्थान पर तीन साल का समय होने की वजह से आसपास जिलों में अपनी पदस्थापना करा ली थी, लेकिन वह संबंधित लोकसभा क्षेत्र के तहत आता है। ऐसे अफसरों की संख्या करीब एक दर्जन बताई जा रही है।  

चुनाव आयोग की पुरानी गाइडलाइन यह थी कि एक जिले में तीन साल से पदस्थापना नहीं होना चाहिए। यह व्यवस्था 30 जून 2024 की स्थिति में लागू की गई थी। आयोग ने अब नई गाइड लाइन जारी की है, जिसके तहत किसी भी लोकसभा क्षेत्र में एक अधिकारी की चार साल में तीन साल की पदस्थापना नहीं होनी चाहिए। इंदौर को छोडक़र राज्य के तकरीबन सभी लोकसभा क्षेत्रों का दायरा दो से तीन जिलों में फैला है। इस कारण कई अधिकारी नई गाइड लाइन की चपेट में आ रहे हैं। कुछ अधिकारी ऐसे हैं, जो डीआईजी बन गए हैं और अभी एसपी के तौर पर काम कर रहे हैं। पदोन्नति के बावजूद उन्हें हटाया नहीं गया है। लिहाजा अब चुनाव के कारण अब उनका हटना तय हो गया है। जिन अफसरों का हटना अब तय है, उनमें सिंगरौली एसपी युसुफ कुरैशी, छतरपुर एसपी अमित सांघी और खंडवा एसपी वीरेंद्र सिंह शामिल हैं। उनके अलावा इंदौर में पदस्थ डीसीपी मनीष अग्रवाल, राजेश कुमार सिंह और निमिष अग्रवाल, भी इसके दायरे में आ रहे हैं।

दूरसंचार में एसएसपी का पद एसपी रैंक का है, जबकि पदस्थापना डीआईजी रैंक के अधिकारी प्रशांत खरे की है। खरे के अलावा सातवीं वाहिनी के भोपाल के कमांडेंट अतुल सिंह, जबलपुर की बटालियन के कमांडेंट साकेत पांडे और इंदौर की बटालियन में पदस्थ कमांडेंट पंकज श्रीवास्तव भी डीआईजी रैंक में पदोन्नत हो चुके हैं। लिहाजा चारों अफसरों का हटना भी तय है।

शिवपुरी एसपी रघुवंश सिंह लोकसभा क्षेत्र के परिसीमन के दायरे में आ रहे हैं। वे शिवपुरी से पहले अशोक नगर जिले में एसपी थे। अशोक नगर और शिवपुरी के कुछ विधानसभा क्षेत्र गुना लोकसभा क्षेत्र में आते हैं। ग्वालियर एसपी राजेश सिंह चंदेल भी इसकी जद में हैं। वे पहले शिवपुरी एसपी थे। शिवपुरी का करैरा विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र में आता है। कमोबेश यही स्थिति श्योपुर एसपी राय सिंह नरवरिया की है।

एएसपी स्तर के कई अधिकारी भी इसके दायरे में आएंगे। भोपाल के यातायात में पदस्थ एडीशनल डीसीपी विक्रम सिंह रघुवंशी, नीतू ठाकुर, मंजुलता पटले, जबलपुर में पदस्थ समर वर्मा, ग्वालियर में पदस्थ अखिलेश रैनवाल शामिल है। डीआईजी, एसपी और एएसपी के अलावा डीएसपी स्तर के दो दर्जन अधिकारी भी नई गाइड लाइन के दायरे में आ रहे हैं। इनकी भी अब नए सिरे से पदस्थापना होनी हैं।