ADG आलोक रंजन का नहीं लग रहा मप्र में मन -आईजी दीपिका सूरी ने विदेश जाने के लिए इच्छा जताई

भोपाल। कुछ समय पहले ही केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे एडीजी आलोक रंजन का मप्र में मन नहीं लग रहा है। शायद यही वजह है कि वे एक बार फिर से केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाना चाहते हैं। हाल ही में मध्य प्रदेश कैडर के दो सीनियर आईपीएस अफसरों ने प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए आवेदन किया है। इसमें आईजी दीपिका सूरी ने विदेश जाने के लिए इच्छा जाहिर की है। तो एडीजी रंजन फिर से डेपुटेशन पर जाने के लिए गृह विभाग को पत्र लिख चुके हैं। गौरतलब है कि रंजन तीन साल की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति समाप्त होने के बाद कुछ ही समय पहले ही वापस लौटे हैं। इसके बाद उनके द्वारा एक बार फिर से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने का फैसला कर लिया गया है। गृह विभाग के अधिकारियों के मुताबिक 1999 बैच की आईपीएस दीपिका सूरी द्वारा वॉशिंगटन में इकोनामिक्स ऑफेंस यानी आर्थिक अपराध की पढ़ाई करने के लिए जाने का फैसला किया गया है। वॉशिंगटन के विश्वविद्यालय में एडमिशन की प्रक्रिया से पहले राज्य सरकार ने अनुमति मांगी है। माना जा रहा है कि पढ़ाई के विषय में सरकार सूरी को अनुमति प्रदान कर देगी। आईजी दीपिका सूरी अभी पीएचक्यू में एडमिशन शाखा में पदस्थ हैं। कुछ समय पहले ही उन्हें नर्मदापुरम आईजी के पद से हटाकर पीएचक्यू में पदस्थ किया गया था। वहीं साल 1991 एडीजी आलोक रंजन पीएचक्यू में एडीजी प्रोविजन के पद पर हैं। रंजन कुछ समय पहले ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे। उन पर केंद्र में बीएचईएल में सुरक्षा संबंधी मामलों की जिम्मेदारी थी। अब फिर से किसी और एजेंसी के लिए रंजन ने आवेदन किया है।
नहीं दी गई थी देउस्कर को अनुमति
बीते साल भोपाल में पुलिस कमिश्नर रहे एडीजी मकरंद देउस्कर ने भी केंद्र सरकार में डेपुटेशन पर जाने के लिए फैसला किया था। देउस्कर सुरक्षा एजेंसी में एडीजी के तौर पर जाना चाहते थे। उनके द्वारा इसके लिए राज्य सरकार को आवेदन भी दिया गया था, लेकिन उनके मामले में राज्य सरकार ने अनुमति नहीं दी थी। इसके कुछ दिनों बाद ही राज्य सरकार ने एडीजी देउस्कर को भोपाल कमिश्नर के पद से हटाकर इंदौर का पुलिस कमिश्नर बना दिया था। इसकी वजह है उनका सरकार की गुडबुक में होना। सरकार नहीं चाहती थी की चुनावी साल में उन्हें प्रदेश से बाहर जाने दिया जाए।