ग्वालियर में रात 12-30 बजे तीन बाइक सवार बदमाशों ने ऑटो चालक का छीना मोबाइल; इंदरगंज पुलिस ने नहीं दर्ज की FIR, CCTV में हुए कैद

 

ग्वालियर। ग्वालियर ज़िले में अपराध कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। आए दिन बदमाश चोरी,छेड़छाड़ और गोली चलाने की घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस को हलाकान कर रहे हैं। कल रात (31 जुलाई) को इंदरगंज थाना क्षेत्र स्थित शिन्दे की छावनी में  पुलिस चौकी के पास ऑटो स्टैंड पर एक ऑटो चालक से तीन बदमाश झपट्टा मारकर उसका मोबाइल छीनकर ले गये।ऑटो चालक ने बदमाशों को पीछा करने का प्रयास किया तो बदमाश भाग  गये।इसके इसके बाद पीड़ित ऑटो चालक इंदरगंज थाना गया और अपनी आपबीती पुलिस कर्मियों को बतायी लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। पीड़ित ऑटो चालक अजय उर्फ़ अज्जू पुत्र ओमप्रकाश धानुक उम्र 23 वर्ष निवासी निवासी कोटेश्वर नगर ने Byline24.com को बताया कि रविवार-सोमवार की दरमियानी रात लगभग 12: 30 बजे उसने अपनी जेब से मोबाइल निकाला और वॉट्सऐप देखने लगा इतनी देर में ही अचानक से तीन बदमाश नदी गेट की तरफ़ से आए और उसके हाथ से मोबाइल पर झपट्टा मारा और तेज़ गति से गाड़ी चलाकर रामदास घाटी की तरफ़ भाग गए। हड़बड़ाए अज्जू ने ऑटो स्टार्ट की उसका उनका पीछा करना शुरू कर दिया।लेकिन देसी कलारी के सामने दायीं ओर सड़क पर एक ट्रक फँसा हुआ था तो बदमाश साइड से गाड़ी निकाल कर चले गए लेकिन पीड़ित नहीं जा सका। वह लौटकर सीधे थाने पहुँचा और अपने संग हुई आपबीती को पुलिस को बताया।थाने में बैठे एचसीएम ने उसे सुबह आने की कहकर टरका दिया।

पीड़ित अजय आज सोमवार (31 जुलाई) को सुबह फिर थाने पहुँचा तो HCM योगेन्द्र ने उससे मोबाइल का बिल माँगा और CCTV फ़ुटेज सर्च करने की बात कहकर फिर से उसे चलता कर दिया। जबकि नियमानुसार पुलिस कर्मी को पीड़ित की FIR दर्ज करना चाहिए थी।byline24.com ने पुलिस कर्मी योगेन्द्र से जानना चाहा तो उसने बताया कि अभी कायमी दर्ज नहीं की है लेकिन क्यों नहीं की है ? इसके बारे में वहाँ कोई जवाब नहीं दे सका।

 

बदमाशों का शिकार बने अजय ने पास ही में होटल सिटी पैलेस के मैनेजर से CCTV फ़ुफ़ुटेज देखने का आग्रह किया तो उसमें बदमाश स्पष्ट रूप से गाड़ी से भागते हुए दिखाई दे रही हैं लेकिन गाड़ी पर नम्बर प्लेट नहीं है, और उसमें से जो वाहन चला रहा है वह सफ़ेद शर्ट पहना हुआ है।

पीड़ित ने बताया कि बड़ी मेहनत कर उसने मोबाइल ख़रीदा था। वह दस घंटे ऑटो चलाता है। 11हज़ार रुपये का उसने मोबाइल ख़रीदा था उसके क़िस्त भी अभी हाल में पूरी हुई है।पीड़ित ने नम आँखों से बताया कि पुलिस गरीब लोगों की रिपोर्ट नहीं दर्ज करती है।