ग्वालियर: गंगादास की बड़ी शाला में हुतात्मा संतों की पावन स्मृति में 10 जून से गीत समारोह एवं भागवत् ज्ञान गंगा का होगा आयोजन

 

ग्वालियर ।शहीद संतों की समृति में श्री गंगादास जी की शाला में संगीत समारोह एवं श्रीमद्भागवत ज्ञानयज्ञ व श्रद्धांजली का आयोजन देश के प्रमुख ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थलों में शामिल सिद्धपीठ श्री गंगादास जी की बड़ी शाला में इस वर्ष भी संगीत संस्था रागाय के तत्वावधान में 1857 के स्वाधीनता संग्राम में अपना सर्वस्व बलिदान देने वाले हुतात्मा संतों की पावन स्मृति में 10 जून को ग्वालियर घराने के गायनाचार्य पं. सीतारामशरणदास महाराज की पुण्यतिथि पर गीत समारोह एवं श्रीमद्भागवत ज्ञानयज्ञ सप्ताह का आयोजन होगा।

सिद्धपीठ श्री गंगादास जी की बड़ी शाला के श्रीमहंत पूर्ण वैराठी पीठाधीश्वर स्वामी रामसेवकदास महाराज ने एक पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि  सिद्धपीठ श्रीगंगादास की बड़ी शाला देश के प्रमुख ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थलों में शुमार है। यह पीठ रामानंदी समप्रदाय के 52 द्वारों में से एक है। अकबर को दीन-ए-इलाही धर्म चलाने की प्रेरण यहां के पहले महत स्वामी परमानंद जी महाराज से मिली थी। यह संतों की बलिदान स्थली रही है।

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समारोह 10 जून शनिवार को शाम 6 बजे से यहां लक्ष्मीबाई कॉलोनी स्थित शाला परिसर में होने जा रहा है। समारोह में इस बार ग्वालियर सहित देश के जाने-माने संगीत साधक शिरकत के लिए आ रहे हैं।  गुरु वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ होगा। प. सीतारामशरण के शिष्य गुरुवंदना प्रस्तुत करेंगे। इसके पश्चात ग्वालियर के वरिष्ठ संगीत साधक पं. उमेश कंपूवाले का गायन होगा। उनके साथ तबले पर पांडुरंग तैलंग एक हारमोनियम पर अक्षत मिश्रा संगत करेंगे। अगली प्रस्तुति में भोपाल के श्री महेश मलिक का वायलिन वादक होगा। उनके साथ पं. भोगीराम रतौनिया संगत करेंगे। समारोह का समापन देश की जानी-मानी गायिका विदुषी शाश्वती मण्डल, दिल्ली के गायन से होगा। उनके साथ तबले पर श्री अनंत मसूरकर एवं हारमोनियम पर पं. महेशदत्त पांडे संगत करेंगे। रागायन का संगीत समारोह महापौर श्रीमती शोभा सिकरवार के मुख्य अतिथ्य में होगा जबकि रागायन के अध्यक्ष एवं सिद्धपीठ श्रीगंगादास जी की बड़ी शाला के मंहत स्वामी रामसेवकदास जी महाराज समारोह की अध्यक्षता करेंगे। सहायक आयुक्त आबकारी संदीप शर्मा समारोह के विशिष्ट अतिथि होंगे। कार्यक्रम में वरिष्ठ संगीत साधक घनश्याम (श्यामलाल) को इस वर्ष के पं. श्रीसीतारामशरण सम्मान से विभूषित किया जाएगा। कार्यक्रम के अतिथि उन्हें सम्मानित करेंगे। कार्यक्रम के दूसरे चरण में हुतात्मा संतों की पावन स्मृति में 11 से 17 जून तक श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। संतों के मोक्ष के लिए होने वाली यह कथा हर साल की जाती है। कथा व्यास देश के प्रमुख भागवताचार्य श्री श्री 1008 श्रीमहंत श्रीमदनमोहनदास जी महाराज अध्यक्ष निर्मोही अखाड़ा, धीर-समीर वंशीवट श्रीधाम वृन्दावन होंगे। भागवत कथा से पूर्व भव्य कलश यात्रा निकाली जाएगी। कथा रोजाना शाम को 4 बजे से रात्रि 8 बजे तक चलेगी। 18 जून को प्रातः 9 बजे शाला परिसर में हुतात्मा संतों एवं रानी लक्ष्मीबाई को श्रद्धांजलि दी जाएगी, जिनमें देश भर के संत उपस्थित रहेंगे। प्रेसवार्ता में कार्यक्रम के संयोजक पं. उमेश कपवाले एवं पं. अनंत महाजनी भी उपस्थित थे।