भाजपा को भितरघातियों से लग रहा हार का डर, मंडल स्तर पर पदाधिकारियों से मांगी जानकारी

भोपाल। चुनाव के कड़े मुकाबले में अब एक-एक वोट की कीमत प्रत्याशी समझ रहे हैं। पार्षद प्रत्याशी को लेकर कई जगह कांटे का मुकाबला बना हुआ है ऐसे में हर हथकंडे प्रत्याशी अजमा रहे हैं ताकि मतदाताओं का आशीर्वाद लिया जा सके। ऐसे में पार्टी हर वार्ड से ऐसे नेताओं पर नजर रख रही है, जो पार्टी के भीतर रहकर भी विपक्ष के कार्य कर रहे हैं। कई तो अपने प्रत्याशी के लिए गड्डा खोंदने का काम कर रहे हैं। ऐसे लोगों की सूची बनाई जा रही है जिन्हें पहले समझाने का प्रयास होगा। यदि फिर भी नहीं माने तो उनके खिलाफ चुनाव के बाद कार्रवाई की जाएगी।
भाजपा की तरफ से पहले ही प्रदेश संगठन ने साफ किया था कि जो भी पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव मैदान में खड़े होंगे उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया जाएगा। 22 जून के बाद यह आदेश अमल में आना था। करीब आधा दर्जन से ज्यादा बागियों ने चुनाव में बतौर प्रत्याशी खड़े हुए। ऐसे सभी बागियों को पार्टी से निष्कासित किया गया है हालांकि नगर संगठन की ओर से अभी तक इस संबंध में कोई निष्कासन संबंधी आदेश नहीं जारी किया गया है। दावा है कि प्रदेश संगठन के आदेश के अनुरूप ही तत्काल प्रभाव से यह आदेश प्रभावी हुआ है।इधर कांग्रेस से भी एक दर्जन के करीब बागी है। यहां भी पार्टी ने अभी तक किसी को संगठन से निष्कासित करने का आदेश नहीं जारी किया है। सूत्रों का दावा है कि पार्टियां अभी इंतजार कर रही है ताकि चुनाव नतीजों के हिसाब से बागियों पर फैसला लिया जा सके। बागियों को उम्मीद है कि विजयी बागियों को पार्टी चुनाव के बाद अमूमन संगठन में वापस ले लेती है।इसके अलावा संगठन को निष्कासन संबंधी आदेश जारी होने से पार्टी को मतदान में नुकसान का भी अंदेशा सता रहा है।
हर मंडल से मांगी सूची
भाजपा की तरफ से मंडल अध्यक्षों से अपने-अपने क्षेत्र में भीतरघात करने वालों की सूची देने को कहा गया है। इसके अलावा ऐसे कार्यकर्ताओं के नाम भी चाहे गए हैं जो घर में बैठे हुए हैं। ऐसे लोगों के नाम भी बुलाए गए हैं। इसी तरह कांग्रेस के अंदर भी काम नहीं करने वालों की सूची बनाकर उनसे मेलजोल किया जा रहा है। वरिष्ठ नेताओं को ऐसे पदाधिकारियों के पास मिलने भेजकर उन्हें संगठन के हित में कार्य करने के लिए सक्रिय किया जा रहा है। पार्टी की अंदरूनी व्यवस्था में तय हुआ है कि जो भी पदाधिकारी सक्रिय नहीं हो रहे हैं उन्हें चिन्हित कर चुनावी के पश्चात कार्रवाई की जाए।