MP: कॉलेज के गरबा कार्यक्रम से दो छात्र समेत चार गिरफ़्तार, बजरंग दल का ‘लव जिहाद’ का दावा

इंदौर/रतलाम: मध्य प्रदेश के इंदौर में ‘सार्वजनिक शांति भंग होने की आशंका’ में एक निजी कॉलेज के गरबा कार्यक्रम से गिरफ्तार चार युवकों को सोमवार को प्रशासन ने जेल भेज दिया था. इन्हें 10 अक्टूबर की रात में हिरासत में लिया गया था और दो दिन बाद मंगलवार को 50-50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर इन्हें रिहा कर दिया गया.

गरबा कार्यक्रम में तय संख्या से ज्यादा लोगों को जुटाने के आरोप में कॉलेज प्रबंधन के एक व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

चश्मदीदों ने बताया कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने रविवार (10 अक्टूबर) देर रात इस गरबा कार्यक्रम में पहुंचकर हंगामा किया, जिसके बाद पुलिस ने वहां से वर्ग विशेष के चार युवकों को हिरासत में ले लिया था. बजरंग दल ने लव जिहाद का भी आरोप लगाया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मामला इंदौर के ऑक्सफोर्ड कॉलेज का है. हिरासत में लिए गए 20 से 25 साल की उम्र के इन युवकों में से दो- अदनान शाह और अब्दुल कादिर, इसी कॉलेज के छात्र हैं, जबकि मोहम्मद उमर और सैयद साकिब उनके दोस्त हैं.

युवकों के परिजनों ने इनकी गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इनमें से दो लोग इसी कॉलेज के छात्र थे और स्वयंसेवकों के रूप में गरबा कार्यक्रम की व्यवस्थाएं संभाल रहे थे.

प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि अनुविभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) पराग जैन ने अदनान शाह, मोहम्मद उमर, अब्दुल कादिर और सैयद साकिब को 50,000-50,000 रुपये के मुचलके पर जेल से रिहा करने का आदेश दिया.

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए पुलिस अधीक्षक (इंदौर पश्चिम) महेशचंद जैन ने कहा कि चारों के खिलाफ कार्रवाई ‘अनुचित’ थी और उन्होंने उन्हें हिरासत में लेने के खिलाफ सिफारिश की थी.

पराग जैन ने बताया कि वर्ग चार युवकों को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 151 (संज्ञेय अपराध घटित होने से रोकने के लिए की जाने वाली एहतियातन गिरफ्तारी) के तहत गांधी नगर क्षेत्र में एक निजी कॉलेज के परिसर में रविवार रात आयोजित गरबा कार्यक्रम से पकड़ा गया था.

उन्होंने बताया कि चारों पर पुलिस रिपोर्ट के आधार पर ‘सार्वजनिक उपद्रव’ के तहत मामला दर्ज किया गया है. उन्हें जेल भेज दिया गया, क्योंकि परिवार जमानत बांड पेश करने में विफल रहे, उनमें से एक के चाचा ने कहा कि उन्हें इस मामले में अंधेरे में रखा गया था.

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) प्रशांत चौबे ने कहा कि गरबा कार्यक्रम में मौजूद कुछ लोगों के साथ मुस्लिम युवकों के विवाद की स्थिति बनने पर उन्हें सीआरपीसी की धारा 151 के तहत एहतियातन गिरफ्तार किया गया था.

बजरंग दल के स्थानीय संयोजक तरुण देवड़ा ने गांधी नगर पुलिस थाने में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया है कि प्रशासन ने संबंधित निजी कॉलेज को गरबा कार्यक्रम में केवल 800 छात्र-छात्राओं को बुलाने की अनुमति दी थी, लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने इसे वाणिज्यिक आयोजन में तब्दील करते हुए टिकट बेचे और इसमें 2,000 से 3,000 लोगों को बुला लिया.

देवड़ा ने अपनी शिकायत में इस बात पर आपत्ति जताई कि कॉलेज के गरबा कार्यक्रम में एक वर्ग विशेष के युवक कथित रूप से बड़ी तादाद में शामिल हुए थे.

बजरंग दल ने कॉलेज पर यह भी आरोप लगाया कि युवतियों को इकट्ठा कर ‘लव जिहाद’ को बढ़ावा दिया गया और आयोजन की शुद्धता को विकृत किया गया. घटना की तस्वीरें और वीडियो होने का दावा करते हुए बजरंग दल ने जांच के साथ-साथ आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

अधिकारियों ने बताया कि बजरंग दल पदाधिकारी की शिकायत पर कॉलेज प्रबंधन के अक्षय तिवारी के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 188 (किसी सरकारी अधिकारी का आदेश नहीं मानना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

उन्होंने बताया कि आरोपी को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है.

मुस्लिम युवकों के परिजन मंगलवार को जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और एसडीएम अदालत में जमानत की औपचारिकताएं पूरी कीं.

इनमें शामिल अब्दुल हमीद शाह ने बताया, ‘जिस कॉलेज के गरबा कार्यक्रम से मेरे बेटे अदनान शाह को रविवार रात हिरासत में लिया गया, वह इसी कॉलेज में बीकॉम द्वितीय वर्ष का छात्र है. वह एक स्वयंसेवक के तौर पर गरबा कार्यक्रम में प्रकाश व ध्वनि की व्यवस्थाएं संभाल रहा था.’

उन्होंने अदनान शाह का कॉलेज की ओर से जारी विद्यार्थी परिचय पत्र और गरबा कार्यक्रम का पास दिखाते हुए कहा, ‘मैं पुलिस और प्रशासन से पूछना चाहता हूं कि आखिर किस आधार पर मेरे बेटे को सीआरपीसी की धारा 151 के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया? हमें लगता है कि राजनीतिक दबाव के कारण ऐसा किया गया.’

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