मप्र में बिजली चोरी में भिंड नंबर 1 , हरदा, रायसेन मुरैना और ऊर्जा मंत्री का शहर ग्वालियर भी कम नहीं

भोपाल। मध्य प्रदेश में बिजली चोरी रोकने और अवैध बिजली कनेक्शन पर अब तक लगाम नहीं लग सकी है। प्रदेश के ज्यादातर जिलों में धड़ल्ले से बिजली चोरी हो रही है। अप्रैल-मई-जून के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में भिंड जिला बिजली चोरी के मामले में अव्वल है। यहां सबसे ज्यादा 65.23 प्रतिशत बिजली चोरी हुई है। बिजली थाने और इनाम देने का प्रयोग भी बिजली चोरी रोकने में नाकामयाब साबित हुआ है। प्रदेश भर में बिजली चोरी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। भोपाल उत्तर शहर में 46.79 प्रतिशत बिजली की चोरी हुई है। भोपाल सिटी (साउथ) में 35.39 प्रतिशत बिजली की चोरी हुई है। भोपाल सिटी पूर्व में 49.47 प्रतिशत, भोपाल सिटी पश्चिम में 27.57 प्रतिशत, भोपाल कोलार क्षेत्र में 38.74 प्रतिशत बिजली की चोरी की गई है।
जानकारी के मुताबिक, हरदा में 53.50 प्रतिशत, रायसेन में 54 प्रतिशत, ग्वालियर शहर में 50.43 प्रतिशत, मुरैना सर्किल में 58.68 प्रतिशत, भिंड में 65.23 प्रतिशत बिजली की चोरी हुई है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी का कहना है कि कंपनी के वितरण के तहत 4 संभाग आते हैं। इसमें कई जिले ऐसे हैं, जहां लगातार बिजली चोरी के मामले बढ़ रहे हैं। उनमें भिंड और मुरैना जिला सबसे आगे हैं। इस चोरी को कई प्रकार से रोकने की कोशिश की जा रही है।
एक साल जेल का है प्रावधान
कंपनी के सीनियर पब्लिसिटी ऑफिसर, मनोज द्विवेदी ने बताया कि बिजली चोरी रोकने के लिए आम्र्ड केबल डाली जा रही है। ऑटो कट ट्रान्सफर का प्रयोग नर्मदापुरम, सीहोर में किया जा रहा है। दोनों जिलो में प्रयोग सफल होने पर भिंड, मुरैना, ग्वालियर में भी आम्र्ड ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे। अवैध बिजली कनेक्शन लेने वालों के खिलाफ निरीक्षण कर कार्रवाई भी की जा रही है। इसमें विभिन्न धाराओं के तहत जुर्माने का भी प्रावधान है। साथ ही, बिजली चोरी के आरोपी को एक साल जेल भी हो सकती है।
बिजली थाना और इनाम का प्रयोग भी हुआ विफल
उन्होंने बताया कि प्रदेश में अवैध बिजली कनेक्शन और बिजली चोरी रोकने के लिए विद्युत वितरण कंपनियों ने नया प्रयोग किया था। इसके तहत ‘बिजली चोरी पकड़ाओ और इनाम पाओÓ योजना की शुरुआत की थी। इसके लिए विजिलेंस टीम तैयार की गई थी। शिकायत करने वालों की पहचान भी गुप्त रखने की बात कही गई थी। बिजली विभाग का यह प्रयोग भी नाकाफी साबित हुआ। बिजली चोरी रोकने के लिए अलग से बिजली थाने बनाने का प्रयोग भी सफल नहीं हो सका है। अब तक प्रदेश भर में धड़ल्ले से बिजली चोरी जारी है। बिजली चोरी होने से बिजली विभाग को हर बार करोड़ों का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।