MP के कई IPS अफसरों को मिली पदोन्नति,पदस्थापना नहीं होने से पुराने पदों पर ही काम करने को मजबूर

प्रदेश में इन दिनों कई आईपीएस अफसरों को पदोन्नति के बाद पदस्थापना नहीं होने से पुराने पदों पर ही काम करने को मजबूर होना पड़ रहा है। यह अफसर वैसे तो अब डीआईजी बन चुके हैं, लेकिन काम उनसे  पुलिस कप्तान का ही कराया जा रहा है। दरअसल करीब दो माह पहले सरकार ने प्रदेश के करीब डेढ़ दर्जन आईपीएस अफसरों को पदोन्नत कर डीआईजी बना दिया था। इसके बाद उनकी पदस्थापना करना ही भूल गई। इसकी वजह से जूनियर अफसरों को जिले की कप्तानी मिलने का इंतजार करना पड़ रहा है। यह बात अलग है कि पदोन्नत हुए अफसर भी चाहते हैं, कि उनकी पदोन्नति में जितनी देरी हो उतना ही अच्छा है। इसकी वजह है डीआईजी का पद एक सामन्य पद माना जाता है, जबकि पुलिस कप्तान का पद बेहद महत्वपूर्ण और मलाईदार माना जाता है। यही वजह है कि जूनियर अफसर चाहते हैं कि सरकार जल्द से जल्द पदोन्नत होने वाले अफसरों की नए सिरे से पदस्थापना करे, जिससे रिक्त होने वाले पदों पर उनकी पदस्थापना हो सके।
 

राज्य सरकार ने 29 दिसंबर को 2009 और 2010 बैच के 18 आईपीएस अफसरों को एसपी से डीआईजी  के पद पर पदोन्नत किया था, इनमें से कई अफसर पीएचक्यू में पदस्थ थे, तो वे वहीं के वहीं एडजस्ट हो गए, लेकिन जिलों में पदस्थ एसपी और बटालियन में पदस्थ कमांडेंट के डीआईजी बनते ही उन्हें अन्यत्र पदस्थ किया जाना था, जो कि सरकार दो माह बाद भी नहीं कर पाई।

इनमें अमित सांघी एसपी छतरपुर, वीरेन्द्र कुमार सिंह एसपी खंडवा, मोहम्मद युसुफ कुरैशी एसपी सिंगरौली, प्रशांत खरे एसएसपी रेडियो, अतुल सिंह कमांडेंट 7वीं बटालियन भोपाल, मनीष कुमार अग्रवाल डीसीपी ट्रैफिक इंदौर, निमिष अग्रवाल डीसीपी क्राईम इंदौर, पंकज श्रीवास्तव कमांडेंट 15वीं बटालियन इंदौर, राजेश कुमार सिंह डीसीपी जोन—4 इंदौर, धर्मेंद्र सिंह भदौरिया कमांडेंट आरएपीसीसी इंदौर के नाम शामिल हैं।

प्रदेश में कानून व्यवस्था बेहतर बनाने के उद्देश्य से 19 डीआईजी रेंज बनाए गए हैं, जिससे आस पास के जिलों में एसपी के ऊपर कानून व्यवस्था को बेहतर तरीके से देख सकें। लेकिन इसके बावजूद 19 में से 7 डीआईजी रेंज खाली हैं। इंदौर शहर में डीआईजी के दो पद हैं, इनमें से एक पद खाली है। इसी तरह भोपाल में भी डीआईजी के दो पद हैं, यहां भी एक पद खाली है। इसी तरह खरगौन, उज्जैन, रीवा और नर्मदापुरम में डीआईजी के पद खाली हैं। इन रेंज को प्रभारी डीआईजी देख रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि प्रदेश में अफसर नहीं है। वर्तमान स्थिति की बात करें तो प्रदेश में 40 डीआईजी रेंज के अफसर हैं।

जिन जिलों के पुलिस कप्तान बदले जाने  हैं, उनमें सिंगरौली, छतरपुर, खरगोन, रतलाम, खंडवा, रीवा, सतना, ग्वालियर, शिवपुरी, शहडोल, उमरिया, कटनी आदि जिले शामिल हैं। इसके अलावा डीआईजी भोपाल देहात मोनिका शुक्ला को चुनाव आयोग की गाइड लाइन के आधार पर बदला जाएगा। डीआईजी देहात इंदौर, एडिशनल सीपी भोपाल, इंदौर के साथ ही कुछ डीसीपी भी बदले जाएंगे।  

डीआईजी ग्वालियर श्रीमती कृष्ना देनी देशावातू अपने पति के कारण भोपाल में पदस्थापना चाह रही है। इसके लिए उन्होंने पुलिस मुख्यालय से अनुरोध भी किया है। लोकायुक्त व ईओडब्ल्यू एसपी के कई पद रिक्त है। इससे कामकाज प्रभावित हो रहा है। रिक्त स्थानों की पूर्ति के साथ ही वर्षों से जमें अधिकारियों को इधर-उधर भी किया जा सकता है