गवाही के लिए थाना प्रभारी की पीड़ित पत्नी नहीं आ रही न्यायालय, आरोपी ने लगाई गुहार-मुझे न्याय क्यों नहीं मिल रहा ?

 

ग्वालियर। न्यायालय में अपराधिक प्रकरणों में ऐसे बहुत कम उदाहरण देखने को मिलते हैं जहां आरोपी खुद न्यायालय से गुहार करता है कि मुझे न्याय जल्द से जल्द दिया जाए। लेकिन पीड़ित पक्ष सामने नहीं आता है। न्यायालय की धीमी प्रक्रिया और लचर रवैया के कारण न्यायालय में हजारों प्रकरण की फ़ाइलें धूल खा रही हैं। ऐसा ही एक प्रकरण ग्वालियर जिला न्यायालय में देखने को मिला। जानकारी के अनुसार 11 अप्रैल 2015 को फोरेंसिक एक्सपर्ट की 24 साल की पुत्री निवासी विजया नगर, ग्वालियर ने कुंदन नगर में रहने वाले त्रिपाठी परिवार और उनके रिश्तेदार पर धारा 384,420,467,468,471 और 120 -बी के तहत ग्वालियर के झाँसी रोड थाने में मामला दर्ज कराया गया।झांसी रोड थाने में दर्ज प्रथम सूचना प्रतिवेदन के अनुसार पीड़ित युवती ने पुलिस को बताया कि आरोपी युवक उसके साथ जीवाजी विश्वविद्यालय में पढ़ता था ,इस कारण से वह उससे परिचित थी। युवक मुझे चेतकपुरी पैट्रोल पंप पर अचानक मिला और कहा कि तुम्हारा रिश्ता पक्का हो गया है और मैं तुम्हारी शादी नहीं होने दूंगा इसके साथ ही आपराधिक धमकी दी जिससे मैं भयभीत हो गई। मैंने पूरी बात अपने पिता को बताई। इतना ही नहीं आरोपी युवक के मौसा ने मेरे पिता को सूचना पहुंचाई की 20 लाख रुपए नहीं दिए तो तुम्हारी बेटी की शादी नहीं होने दूंगा और तुम्हारी लड़की का भविष्य बर्बाद कर दूंगा।

इसमें खास बात यह है कि पीड़िता ने दर्ज प्रकरण में घटना 6 महीने पूर्व की बताई है जबकि आरोपी युवक उसका परिवार उस दौरान इंडिया में नहीं था। इससे पुलिस की कार्यप्रणाली सभी भली-भांति जानते हैं कि वह फर्जी प्रकरण कैसे दर्ज करती है। इस प्रकरण में आरोपी युवक के मौसा को पुलिस घर से पड़कर ले गई और कथित ब्लैकमेल के लाखों रुपए मांगने के जुर्म में जेल में बंद कर दिया। बाद में उन्हें जमानत मिल गई।

आरोपी पक्ष ने अपने बचाव में जब पुलिस को साक्ष्य उपलब्ध कराए तब जाकर बड़ी मुश्किल में पुलिस ने ब्लैकमेलिंग और कूट रचित षड्यंत्र की धाराओं को 3 साल के अंतराल के बाद विलोपित किया। अब वर्तमान में सिर्फ 385 यानी धमकी देने की धारा का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इसी को लेकर वर्ष 2021 से न्यायालय ने कई बार फरियादी पक्ष को गवाही में आने के लिए नोटिस जारी किए हैं लेकिन फरियादी पक्ष कोर्ट में गवाही देने से कतरा रहा है और बार-बार नए बहाने और एप्लीकेशन से कोर्ट का समय भी बर्बाद कर रहा है।

स्थिति यह है कि आरोपी खुद न्यायालय से गुहार लगा रहा है कि मुझे न्याय दो और मेरे प्रकरण को जल्द से जल्द समाप्त करो लेकिन फरियादी पक्ष ही इस पूरे मामले में लापरवाही बरत रहा है। जिला न्यायालय की अदालत ने इसी प्रकरण में आरोपी पक्ष के आवेदन को संज्ञान में लेते हुए पीड़ित युवती पक्ष के पति जो की दतिया जिले के एक कस्बे के थाना प्रभारी बताई जा रहे हैं उनके नाम से एक नोटिस जारी किया है जिसमें अनिवार्य रूप से जनवरी 2024 में थाना प्रभारी को अपनी पत्नी को न्यायालय में गवाही के लिए हाजिर होने के लिए निर्देश दिए गए हैं।

 

मुझे अब तक किसी भी प्रकार का नोटिस या समन नहीं मिला है इसकी जानकारी के लिए मैं पता लगाता हैं।

धीरेंद्र मिश्रा ,थाना प्रभारी इन्दरगढ़, जिला दतिया