पूरे मप्र में सबसे ज़्यादा बेरोज़गार ग्वालियर में दूसरे स्थान पर भोपाल, कांग्रेस ने पत्रकार वार्ता में लगाया शिवराज सरकार पर आरोप

ग्वालियर।मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल भी राज्य में बेरोजगारों की संख्या में दूसरे स्थान पर है, लेकिन ग्वालियर की स्थिति सबसे खराब है, क्योंकि बेरोज़गारी में ये क्षेत्र प्रदेश में पहले स्थान पर है। यह आरोप एक पत्रकार वार्ता के दौरान कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और ग्वालियर चम्बल मीडिया संभाग प्रभारी सुरेंद्र राजपूत ने संवाददताओं से कही। उन्होंने कहा कि सितम्बर 2022 के विधानसभा सत्र में सरकार की सूचना से ये भी ज्ञात हुआ कि 2011-12 से 2021-22 के दस वर्षों के बीच रोजगार कार्यालयों में अधिसूचित रिक्तियों के खिलाफ केवल 1697 नई नौकरियां दीं गयीं थीं. ये जानकारी विधानसभा में तकनीकी कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने विधायक प्रताप ग्रेवाल के सवाल पर पिछले वर्ष 14 सितंबर 2022 को दी थी, जिसमें बताया गया था कि पूरे मध्यप्रदेश में ग्वालियर में सबसे अधिक बेरोजगार हैं. जिन्हें रोज़गार मिला, उनको किन-किन कैटगरी में रोजगार उपलब्ध करवाया गया है, इस सवाल का जवाब बहरहाल पब्लिश नहीं हुआ था.
• सरकारी आंकड़ों के अनुसार लगभाग 1.58 लाख बेरोजगारों की संख्या के साथ ग्वालियर टॉप पर है. दूसरे नंबर पर भोपाल है, जहां रजिस्टर्ड बेरोजगारों की संख्या 1.31 लाख है. इसके बाद रीवा में 1.09 लाख बेरोजगारों की संख्या है. वर्ष 2022 से पहले के पाँच सालों में 1.58 लाख बेरोजगारों ने कराया पंजीयन, यानि रोजाना 102 युवा पंजीकृत होने रोज़गार कार्यालय पहुँचे लेकिन इनमें से रोजगार सिर्फ 8 फीसदी युवाओं को मिला ।श्री राजपूत ने कहा कि  ग्वालियर चम्बल में उद्योगों के बंद होने से  बेरोज़गारी बढ़ रही है।मुरैना के पास का सहकारी शुगर कारख़ाना 2009 से 2011 के बीच बंद हुआ।
बीच में कई बार कारख़ाने को चलाने की आधी-अधूरी कोशिशें हुईं लेकिन कामयाब न हो सकीं. कारपोरेट जीवी केंद्र सरकार की ही तर्ज़ पर मध्यप्रदेश सरकार इसके तीन हिस्से कर के कल पुर्ज़ों और मशीनों को स्क्रैप बता कर बेचने के फेर में है। कांग्रेस नेता ने प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा पर आरोप लगाया कि उन्होने दतिया में पाँच-पाँच लाख रुपया लेकर लोगों को लाइसेंसी शस्त्र रेवड़ी की तरह बाँटे हैं। इसके साथ ही 18 साल से शिवराज सरकार मध्य प्रदेश में सत्ता पर काबिज है उसके बावजूद भी आज तक ग्वालियर चंबल संभाग में कोई भी बड़ा इंडस्ट्रियल एरिया विकसित नहीं किया गया. यहां के जो पुराने महत्वपूर्ण इंडस्ट्रियल एरिया थे जैसे बामोर और मालनपुर आज वहां पर जो इंडस्ट्री थीं, वे लगभग बंद होने की कगार पर हैं. भिंड ज़िले के मालनपुर (ग्वालियर के ज़्यादा पास है), पहले 220 – 250 इण्डस्ट्रीज थीं, अब लगभग 80-90 ही रह गयी हैं. इधर कोई नयी इंडस्ट्री नहीं आई और उधर मालनपुर (ज़िला भिंड) की दो तिहाई इंडस्ट्रीज़ बंद हो गईं। आरोप लगाया कि व्यापाम घोटाला, पटवारी भर्ती घोटाला, नर्सिंग भर्ती घोटाला जैसे बड़े प्रतियोगी परीक्षाओं के भर्ती घोटालों के कारण पूरे देश में मध्य प्रदेश की साख गिरी है।पत्रकार वार्ता के दौरान विंग कमांडर अनुमा आचार्य, राम पांडे और धर्मेन्द्र शर्मा मौजूद रहे।