अन्य राज्यों के भाजपा नेता मप्र के माननीयों की रिपोर्ट करेंगे तैयार, सॉफ्टवेयर के जरिए अमित शाह को रिपोर्ट भेजेंगे

-भोपाल में हुआ गुजरात, राजस्थान, यूपी और बिहार के 230 विधायकों का प्रशिक्षण
भोपाल। प्रवासी यानी गुजरात, राजस्थान, यूपी और बिहार के 230 विधायक मप्र के विधायकों और सांसदों की रिपोर्ट तैयार करेंगे। इसके लिए शनिवार को भोपाल में इस विधायकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। विधायकों को कहा गया है कि 2023 के साथ 2024 की तैयारियों की भी रिपोर्ट बनाएं। किसी की दवाब में नहीं आना है, जो सही हो वही बताया जाए। हर बिंदू कागज पर लिखित होना चाहिए। इसके साथ ही विधानसभाओं में सांसदों की स्थिति भी देखने की जिम्मेदारी दी गई है। सॉफ्टवेयर के जरिए अमित शाह को रिपोर्ट भेजेंगे। ये विधायक 20 अगस्त से 26 अगस्त तक विधानसभा क्षेत्रों में डेरा डालेंगे।
बाहरी विधायकों को कहा गया है कि धार्मिक प्रवृत्ति वाले दूसरे दलों के नेताओं से भी मिलें। अपने निजी संपर्कों से ऐसे लोग खुद तलाशें। ऐसे लोगों के घर अकेले जाएं। भाजपा को लेकर उनकी राय जानें। जहां स्थानीय नेता न ले जाएं वहां जरूर जाएं। कार्यकर्ताओं को बराबरी से बैठाएं और साथ में खाना खाएं।
दवाब में न आएं, जो सही हो वही बताएं
भाजपा की बैठक में बाहर से आए 230 विधायकों की विधानसभा की रिपोर्ट तैयार करने के लिए गाइडलाइन तय की गई है। उनसे साफ-साफ कहा गया है कि विधानसभाओं में किसी के प्रभाव में नहीं आना है। किसी के दवाब में नहीं आना है। जो सही स्थिति हो वही बताना है। हर बिंदू कागज पर लिखित होना चाहिए। क्षेत्र में विधायक बनकर नहीं कार्यकर्ता बनकर बात करें। मुलाकातों की सूची में निष्पक्ष लोगों के नाम जरूर हों। भाजपा कार्यकर्ताओं से बराबरी से बैठकर बात करें।
विधानसभाओं में सांसद की स्थिति भी देखें विधायक
इसके अलावा बैठक में विधायकों को एक और जिम्मेदारी दी गई है। विधानसभाओं में सांसद की स्थिति भी देखने कहा गया है। उस विधानसभा में सांसद कितने मजबूत ये देखकर भी आना है। 2023 के साथ 2024 की तैयारियों की भी रिपोर्ट बनाएं। 29 अगस्त से पहले विधायकों को रिपोर्ट सौंपनी होगी। यह रिपोर्ट सीधे अमित शाह को सौंपी जाएगी।
प्रशिक्षण में भाजपा के प्रवासी विधायकों को मिले निर्देश
यह सिर्फ 2023 नहीं बल्कि 2024 इलेक्शन की भी तैयारी है। चुनाव के साथ संबंधित प्रभार क्षेत्रों में संगठन के कामों पर जोर दें। बूथ स्तर की बैठक करें, पन्ना प्रमुखों से फीड बैक लें। केंद्र के साथ राज्य की योजनाओं का पूरा खाका संबंधित विधानसभा में जुटाएं। चुनाव से जुड़ी समितियों के अलावा पदाधिकारियों के साथ बैठकें करें। विधानसभा स्तर पर असंतुष्ट नेताओं कार्यकर्ताओं से संपर्क स्थापित कर तालमेल बनाएं।
सॉफ्टवेयर से भेजेंगे रिपोर्ट
रिपोर्ट केंद्र तक पहुंचाने के लिए विशेष सॉफ्टवेयर की व्यवस्था की गई है। जिससे विधायक रिपोर्ट भेजेंगे। रिपोर्ट भेजने के लिए बनाए गए विशेष सॉफ्टवेयर की भी प्रवासी विधायकों को जानकारी दी गई। आगामी चुनावों तक संबंधित प्रभार क्षेत्रों में अनिवार्य तौर पर प्रभारियों को रहना होगा। अलग अलग समाज, संगठन, जाति वर्ग से भी संवाद का निर्देश दिया गया है। हारी हुई सीटों या सर्वे में चुनौती वाली सीटों पर अतिरिक्त विधायक भी साथ होंगे।
असंतुष्ट नेताओं की गतिविधियों पर भी नजर
सरकार की योजनाओं और विकास के कार्यों को लेकर क्षेत्रों के फीडबेक भी लें और इसकी जानकारी भी पहुंचे। ताकि सुधार किया जा सके। स्थानीय स्तर की मिसमैनेजमेंट को भी देखने का जिम्मा दिया गया है। असंतुष्ट नेताओं की गतिविधियों पर भी नजर रखेंगे। अन्य पार्टियों की वर्चस्व की पारंपरिक सीट या वर्चस्व की सीटों को लेकर संभागीय संगठन टीम का भी गठन होगा। इस टीम में प्रवासी विधायकों के अलावा अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी को भी जिम्मेदारी दी जाएगी। विधानसभा क्षेत्र में कोऑर्डिनेशन के लिए भी केंद्रीय संगठन संभागीय प्रभारी नियुक्त करेंगे। कई विधानसभाओं के लिए विशेषण रणनीति भी तैयार की जा रही है और कुछ की कर ली गई है। जिस समय आने पर साझा किया जाएगा।