अब 5 मिनट में मिलेगी डायल-100 की सहायता; सफारी की जगह इनोवा और गांवों में बोलेरो, वाहनों की संख्या होगी दो हजार

भोपाल। शहरी क्षेत्रों में फोन करने पर मात्र पांच मिनट में डायल-100 की सहायता संबंधितों तक पहुंच जाएगी। वहीं ग्रीमण अंचलों में यह सुविधा 15 मिनट में उपलब्ध होगी। वर्तमान में शहर में 10 मिनट और ग्रामीण क्षेत्र में 30 मिनट का समय तय है। वहीं वाहनों की संख्या एक हजार से बढ़ाकर दो हजार की जाएगी।शहरों में सफारी की जगह इनोवा और गांवों में बोलेरो वाहन डायल-100 में लगाए जाएंगे। प्रदेश में डायल-100 की दूसरे चरण की सेवा शुरू होने के साथ ही यह सुविधा शुरू होगी। इस सेवा के संचालन के लिए निविदा प्रक्रिया चल रही है। नवंबर में इसके पूरे होने की उम्मीद है। दिसंबर या जनवरी से नई कंपनी काम संभाल सकती है।इसके साथ ही पुलिस, फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस और महिला सुरक्षा हेल्प लाइन नंबर एक कर दिए जाएंगे। 112 नंबर लगाने पर यह सुविधाएं मिलेंगी। अभी पुलिस के लिए 100, फायर ब्रिगेड के लिए 101, एंबुलेंस के लिए 108 और महिला सुरक्षा के लिए 1090 नंबर लगाना पड़ता है। सभी सुविधाएं एक नंबर से मिल जाएं, इसलिए यह व्यवस्था की जा रही है। 112 के सभी फोन पहले पुलिस के एकीकृत काल सेंटर में पहुंचेंगे, इसके बाद संबंधित विभागों को अग्रेषित किया जाएगा। कुछ राज्यों में यह व्यवस्था लागू की जा चुकी है। अभी एक हजार वाहन चल रहे हैं। नई कंपनी के आने पर 12 सौ वाहन हो जाएंगे। इसके बाद चार चरणों में दो-दो सौ वाहन बढ़ाए जाएंगे। इस तरह प्रदेश में वाहनों की संख्या दो हजार हो जाएगी। इसका फायदा यह होगा कि घटनास्थल पर पुलिस जल्दी पहुंच सकेगी। फोन करने वाले की गोपनीयता बनाए रखने के लिए काल मास्किंग की जाएगी। इस तकनीक में काल सेंटर से पुलिसकर्मी के पास फोन नंबर की जगह एक लिंक भेजा जाएगा। इसी के माध्यम से फोन करने वाले से पुलिसकर्मी बात कर सकेंगे। घटना की रिकार्डिंग के लिए पुलिसकर्मियों के कपड़ों में छोटे कैमरे लगाए जाएंगे। इनमें वीडियो रिकार्डिंग की जा सकेगी। वाहनों में आगे और पीछे कैमरे लगाए जाएंगे, जिससे घटना स्थल की रिकार्डिंग हो सकेगी। राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम से भी इसे लाइव देखा जा सकेगा। इस बारे में एसएसपी रेडियो अमित सिंह का कहना है कि निविदा की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही कंपनी का चयन हो जाएगा। वाहनों की संख्या दो हजार की जा रही हैं। सुरक्षा के लिहाज से डायल-100 के पलिसकर्मियों को बाडी वार्न कैमरे दिए जाएंगे। वाहन पहुंचने का समय भी कम हो जाएगा।