ग्वालियर जिला प्रशासन ने 10 माह में 800 हथियार लाइसेंस के आवेदन किए निरस्त; पिस्टल-रिवॉल्वर के 80 आवेदन भोपाल से लौटे, विधायक मंत्रियों के सिफ़ारिशी लेटर नहीं आए काम

 

राजेश शुक्ला, ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर चंबल-संभाग में हर साल हथियार लाइसेंस धारकों की संख्या बढ़ रही है। ग्वालियर जिले की बात करें तो 33 हजार के लगभग लाइसेंस धारक के पास निजी हथियार है। वर्ष 2022 के 10 माह के अंतराल में ग्वालियर जिला प्रशासन ने सिर्फ़ उन लोगों के लाइसेंस स्वीकृत किए हैं जिन्हें रोजगार के लिए हथियार की जरूरत है या फिर वाकई में जिन्हें जान का खतरा है।

जनवरी 2022 से अक्टूबर की 20 तारीख तक ग्वालियर जिला प्रशासन ने करीबन 800 आवेदकों के लाइसेंस निरस्त किए हैं। इसमें 80 आवेदन रिवाल्वर और पिस्टल के हैं वह भोपाल से वापस आ चुके हैं। ऐसे में जिन आवेदकों के लाइसेंस प्रशासन ने निरस्त किए हैं उनकी भीड़ ज़िलाधीश कार्यालय  के शस्त्र विभाग में रोजाना देखी जा रही है।

आपको बता दें कि ग्वालियर जिले में लगातार हर्ष फायर की घटनाओं को संज्ञान में लेकर मध्य प्रदेश के गृह विभाग ने तय किया है कि अब जिन्हें लाइसेंस की जरूरत है उन्हें लाइसेंस स्वीकृत किए जाएंगे वही ऐसे बेरोजगार जो लाइसेंस लेने के बाद अपना जीवन यापन कर सकते हैं उनकी अनुशंसा ही की जाएगी। क्योंकि ग्वालियर चंबल में लाइसेंसी हथियार का क्रेज सबसे ज्यादा युवा वर्ग में ही देखा जा रहा है इसके चलते वह दलालों को पैसे देकर स्टेटस सिंबल के लिए बड़ी संख्या में आवेदन जमा करते हैं लेकिन फॉर्म भरते समय वाह यह स्पष्ट नहीं बता पाते कि उन्हें लाइसेंसी हथियार की कितनी आवश्यकता है।

शस्त्र विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पूरे 10 माह में करीबन 800 आवेदकों के फॉर्म निरस्त किए गए हैं यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।  विभाग में निरस्त आवेदनों का अंबार लग गया है। इनमें से कई लाइसेंस के आवेदन तो ऐसे हैं जिनमें रेड क्रॉस की फीस भी बकायदा जमा की गई है अब लाइसेंस बने नहीं है तो ऐसे आवेदक रोजाना शस्त्र विभाग में चक्कर काटकर पूछताछ कर रहे हैं कि हमारा लाइसेंस का आवेदन निरस्त क्यों किया गया है ? ऐसे आवेदन पर ग्वालियर जिला प्रशासन ने स्पष्ट टिप्पणी की है कि आपको लाइसेंस की कोई आवश्यकता नहीं है इस कारण से निरस्त किया जाता है।

निरस्त किए आवेदनों का अंबार

जानकारी में सामने आया है कि बड़ी संख्या में निरस्त आवेदनों में नेता विधायक और मंत्रियों तक के सिफारसी लेटर लगे हुए हैं। बाकायदा इन लेटर में लिखा गया है कि यह हमारे समर्थक हैं और इनका लाइसेंस देने की अनुशंसा मैं कर रहा हूं। ऐसे में निरस्त किए गए आवेदनों के स्वामी अपने/अपने नेताओं से भी चर्चा कर आवेदन के निरस्त होने की बात बता रहे हैं लेकिन गृह विभाग का स्पष्ट आदेश है कि हथियार लाइसेंस सिर्फ उन्हीं को स्वीकृत किए जाएंगे जिन्हें नौकरी के लिए या अपनी जान के खतरे के लिए सुरक्षा की चिंता है।

इधर गृह विभाग के सूत्र बताते हैं कि लगातार बढ़ रही लाइसेंसों की संख्या पर लगाम लगाने के लिए अलग से गाइडलाइन बनाने की कवायद भी की जाएगी।