मप्र में कोविड के बाद एक साल से तेजी से बढ़ी थी PFI की सक्रियता, दो हजार से ज्यादा सक्रिय सदस्य थे

भोपाल । भारत सरकार ने देशभर में कट्टरपंथी संगठन पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) और इसके सहयोगी संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया है। मध्य प्रदेश में इस संगठन के दो हजार से ज्यादा सक्रिय सदस्य थे। इनमें से 15 से 20 प्रतिशत को कोच्चि और त्रिवेंद्रम जैसी जगहों पर प्रशिक्षण के लिए भी भेजा गया था। प्रशिक्षण में उन्हें बताया जाता था कि संगठन का विस्तार किस तरह से किया जाना है। साथ ही अपनी गतिविधियों को किस तरह से गोपनीय रखना है, यह भी उन्हें सिखाया जाता था। दो साल या इससे ज्यादा पुराने सदस्यों को ही प्रशिक्षण के लिए चुना जाता था।
पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2016 से पीएफआइ ने प्रदेश में सक्रियता से सदस्य बनाना शुरू किया था। मालवा-निमाड़ के उज्जैन, बुरहानपुर, खंडवा और चंबल के श्योपुर आदि जिलों में इस संगठन की गतिविधियां तेजी से चल रही थीं। मार्च 2020 में कोरोना संक्रमण के बाद लाकडाउन के कारण सक्रियता घट गई थी। जुलाई 2021 से फिर सक्रियता बढ़ी थी। ज्यादातर उन्हीं युवाओं को सदस्य बनाया जाता था जो इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय रहते थे। बता दें कि सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात को प्रदेश के आठ जिलों से पीएफआइ के 21 सदस्यों को एटीएस व स्?थानीय पुलिस बल ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया था। इसके पहले एनआइए ने पिछले सप्ताह प्रदेश इंदौर और उज्जैन से पीएफआइ के 04 सदस्यों को गिरफ्तार किया था। इस तरह पीएफआइ के अब तक कुल 25 सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है।