यात्रियों की सुरक्षा में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगा मप्र परिवहन विभाग : सक्सेना

ग्वालियर। मध्यप्रदेश में यात्री वाहन जैसे बस,टैक्सी व कैब में महिला सुरक्षा की दृष्टि से विभाग अलर्ट है। यात्रा के दौरान विशेषकर महिला यात्रियों को किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो इसके लिए परिवहन विभाग हर संभव प्रयास करेगा। अभी भोपाल में कंट्रोल कमांड सेंटर का निर्माण अपने अंतिम चरण में है इसके बाद जल्द ही यात्री वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और पैनिक बटन यानी आपातकालीन बटन अनिवार्य कर दिए जाएंगे। यह जानकारी मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के अपर आयुक्त, प्रवर्तन अरविंद कुमार सक्सेना ने दी।

श्री सक्सेना ने बताया कि परिवहन विभाग ने 1 अगस्त से यात्री वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस व पैनिक बटन को अनिवार्य किया था। लेकिन डिवाइस लगाने वाली कंपनियों ने इसमें रुचि नहीं दिखाई वहीं भोपाल में कंट्रोल कमांड सेंटर का निर्माण भी अपने अंतिम चरण में है। परिवहन विभाग अब आदेश में संशोधन कराने की तैयारी की कवायद भी कर रहा है। अपर आयुक्त ने बताया कि प्रदेश में सभी यात्री वाहनों में सुरक्षा को लेकर हम समय-समय पर वाहनों की चेकिंग भी करा रहे हैं इसके साथ ही हिदायत दे रहे हैं कि वाहनों की स्पीड पर भी लगाम लग सके। इसके साथ ही मानक के अनुरूप जो यात्री वाहन अभी भी सड़कों पर दौड़ रहे हैं उनको जप्त करने का अभियान भी हम प्रदेश भर में चला रहे हैं।

यहाँ बता दें कि परिवहन विभाग ने निर्भया फंड से भोपाल स्थित परिवहन विभाग के कैंप आफिस में 15 करोड़ 40 लाख की लागत से कंट्रोल कमांड सेंटर तैयार किया है। इस सेंटर से यात्री वाहनों की 24 घंटे निगरानी की जाएगी। 16 जून 2022 को परिवहन विभाग ने अधिसूचना जारी कि थी कि 31 दिसंबर 2018 तक जितने भी यात्री वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं, उनमें पैनिक बटन व वीएलटीडी को अनिवार्य किया जाए। बस व टैक्सी के लिए इस व्यवस्था को अनिवार्य किया गया है। बहुत जल्द ही इन उपकरणों को लगवाने के बाद कंट्रोल कमांड सेंटर से निगरानी शुरू हो जाएगी।

परिवहन विभाग ने स्टैंडर्ड आफ प्रोसीजर (एसओपी) के अनुसार ये उपकरण के लिए एसओपी जारी की थी। एआइएस 140 अनुरूप दोनों उपकरण लगाए जाने हैं। विभाग ने एआइएस 140 माडल फीड किए हैं। इसके लिए 14 कंपनियों ने दोनों डिवाइस को लगाने के लिए आवेदन किए थे। इनमें से कंपनी तय होना है। इसके अलावा विभाग ने सात सदस्यीय कमेटी भी बना दी है। यह कमेटी वाहनों में लगे डिवाइस की जांच करने के बाद कंट्रोल कमांड सेंटर में डेटा फीड करेगी।

बस, टैक्सी, कैब में महिला सुरक्षा की दृष्टि के हिसाब से उपकरण लगाए जा रहे हैं। आकस्मिक स्थिति में कंट्रोल कमांड सेंटर को अलर्ट मिलेंगे। वाहन के रूट का अलर्ट मिलेगा। यदि वाहन निर्धारित रूट से अलग जाता है तो अलर्ट मिल जाएगा। जिस रूट का परमिट मिला है, वह उस पर ही दौड़ सकेगा। व्हीकल ट्रेकिंग डिवाइस व पावर केबिल हटाने पर कंट्रोल कमांड सेंटर में सूचना पहुंच जाएगी। वाहन का रिकार्ड आनलाइन संधारित किया जाएगा और यह तीन साल तक सुरक्षित रहेगा। वाहन मालिक अपनी गाड़ी का रियल टाइम लोकेशन ले सकेंगे। स्टाफ वाहन के साथ भी गड़बड़ी नहीं कर सकेंगे।

श्री सक्सेना ने कहा कि पैनिक बटन व वीएलटीडी की अनिवार्यता को संशोधित करने पर विचार कर रहे हैं। अगस्त में डिवाइस लगाने वाली कंपनियां तय कर दी जाएंगी। हम महिला यात्रियों की सुरक्षा से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेंगे।