भाजपा-कांग्रेस डैमेज कंट्रोल में जुटी, रूठों को कर रही मनाने का प्रयास, ग्वालियर, भोपाल इंदौर में सबसे ज़्यादा बागी उम्मीदवार

भोपाल।मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है। अब नाम वापसी और चुनाव चिन्ह आवंटन प्रक्रिया शेष हैं। नामांकन दाखिले के बाद पार्टी के रूठे हुए और बागियों को नाम वापसी के लिए मनाने के लिए दोनों पार्टी भाजपा-कांग्रेस में चुनौती है। पार्टी के बड़े नेता अब बागियों को मनाने की रणनीति में जुट गए हैं। बागियों को पार्टी की रीति नीति का हवाला देकर बतौर निर्दलीय चुनाव नहीं लडऩे के लिए मनाया जाएगा। इसके लिए बड़े पदाधिकारियों को जिम्मेदारियां दी जा रही है।
इसी कड़ी में कांग्रेस में रविवार को पूर्व सीएम कमलनाथ ने निकाय चुनाव को लेकर रणनीति तैयार की। कमलनाथ के निवास पर जिले के प्रभारियों की बैठक हुई। जिले के प्रभारी और पर्यवेक्षकों के साथ चुनावी प्लान तैयार किया गया। जिलों के प्रभारियों ने कमलनाथ को रिपोर्ट सौंपी। वहीं पूर्व सीएम ने जिलों की समीक्षा की। कमलनाथ इस्तीफा देने वालों (बागियों) को मनाने के लिए बड़े नेताओं को जिम्मेदारी दी। इस्तीफा देने वालों की सूची तैयार की गई। इधर भाजपा में भी टिकट न मिलने से कई कार्यकर्ताओं में असंतोष नजर आया है। डैमेज कंट्रोल के लिए भाजपा ने भी खास रणनीति तैयार की है। पार्टी ने अपने सांसद, विधायकों और पूर्व संभागीय संगठन मंत्रियों को डैमेज कंट्रोल के काम में लगाया है। बड़े शहरों के मामलों को निपटाने के लिए प्रदेश कार्यालय में रणनीति बनायी गई है। बताया जाता है कि खुद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा पार्टी मुख्यालय में रहकर बागियों से बात करेंगे और उन्हें मनाने की कोशिश की जाएगी।